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आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने कांग्रेस पार्टी को दिया इस्तीफा, क्या फिर से होंगे बीजेपी में शामिल

वह बीजेपी के सबसे बड़े आदिवासी नेता थे. उनके बीजेपी में लौटने के कयास लगाए जा रहे हैं. एक जानकारी के मुताबिक 30 अप्रैल 2023 को साय ने बीजेपी पार्टी को इस्तीफा दिया था और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नंद कुमार बीजेपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए.


छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) में कांग्रेस पार्टी (congress party) के हारने के बाद पार्टी में इस्तीफा (resignation) देने का दौर शुरू हो चुका है. इसी दौर में आदिवासी नेता नंद कुमार साय (tribal leader Nand Kumar Sai) ने भी कांग्रेस पार्टी को अपना इस्तीफा थमा दिया है.

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नंद कुमार बीजेपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए.

इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक नंद कुमार साय की कांग्रेस में काफी धूमधाम से जॉइनिंग हुई थी लेकिन कांग्रेस की करारी हार के बाद उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

वह बीजेपी के सबसे बड़े आदिवासी नेता थे. उनके बीजेपी में लौटने के कयास लगाए जा रहे हैं. एक जानकारी के मुताबिक 30 अप्रैल 2023 को साय ने बीजेपी पार्टी को इस्तीफा दिया था.

इसके बाद 1 मई 2023 को साय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए, उस समय राज्य में कांग्रेस की सत्ता थी. उन्होंने बीजेपी छोड़ने से पहले पार्टी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे.

उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी नेता झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने खुद के खिलाफ साजिश रचने और अपनी गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था. साय तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं.

कांग्रेस में शामिल होने के वक्त उन्होंने कहा था की वे अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे लोगों के साथ रहे हैं और वे अटल बिहारी वाजपेयी के नक्शे कदम पर चलते हैं.

उन्होंने कहा था कि अटल-आडवाणी के समय की जो बीजेपी पार्टी थी, वैसी अब वे नहीं रह गई है, पार्टी में बहुत कुछ बदल चुका है.

नंद कुमार 5 बार सांसद रह चुके हैं. वो तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं.

कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद वे पार्टी के हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में दिखते रहें. सिर्फ इतना ही नहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ सरकारी कार्यक्रमों में भी वे मौजूद रहें.

पार्टी द्वारा इन्हें राज्य के औद्योगिक विकास निगम का चेयरमैन भी बनाया था. लेकिन राज्य में कांग्रेस की सत्ता हटने के बाद ही इन्होंने पार्टी को छोड़ दिया.

इसके अलावा साय ने अपने इस्तीफा में लिखा की कुछ समय पहले परस्थितियां बदलने की वज़ह से मैंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता अपनाई थी, कुछ दिनों तक पार्टी में रहकर निष्ठापूर्वक कार्य भी किया.

लेकिन मेरे सामने अब जो परिस्थितियां बनी हुई है, उसे देखकर मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं.

ये भी पता चला है की साय जब कांग्रेस पार्टी में थे तब वे राज्य के नए सीएम विष्णुदेव साय को बधाई देने भी गए थे.
इसलिए ऐसे कयास लगाए जा रहे है की बीजेपी पार्टी से अनुमति मिलने के बाद साय फिर से बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

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