मध्य प्रदेश के धार ज़िले के आदिवासी बहुल मनावर विधानसभा सीट पर सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से 27 वर्षीय इंजीनियर और ज़िला पंचायत सदस्य शिवराम कन्नौज को उम्मीदवार बनाए जाने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. मनावर विधानसभा क्षेत्र में करीब 2.43 लाख मतदाता हैं और उनमें से लगभग 60 फीसदी आदिवासी समुदाय से हैं.
शिवराम का मुकाबला मौजूदा कांग्रेस विधायक डॉक्टर हीरालाल अलावा से है. दूसरी तरफ पूर्व मंत्री रंजना बघेल बीजेपी की परेशानी बढ़ा सकती हैं क्योंकि टिकट नहीं मिलने से उन्होंने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं.
हालांकि, शिवराम कन्नौज को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में बघेल उनका समर्थन करेंगी.
कौन है शिवराम कन्नौज
शिवराम कन्नौज ने अपनी बी.टेक (इलेक्ट्रिकल्स) भोपाल के एक संस्था से पूरी की है. उनके पिता गोपाल कन्नौज भी भाजपा के ही नेता थे. जिनकी 2021 में आंधी-तूफान के दौरान एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
अपने पिता गोपाल कन्नौज की मृत्यु के बाद से ही शिवराम कन्नौज ने राजनीती में कदम रखा. शिवराम 2022 में धार ज़िला पंचायत सदस्य के रूप में चुने गए. अब वह अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
शिवराम कन्नौज ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि मनावर क्षेत्र के कई आदिवासियों को रोजगार के लिए गुजरात और अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ता है. लेकिन मैं यह सुनिश्चित करूंगा की सरकारी योजनाओं के अंतर्गत आदिवासियों को उद्यमिता और कौशल विकास में प्रशिक्षण मिले ताकि वे अपने मूल क्षेत्र में अपने पैरों पर खड़े हो सकें.
कन्नौज ने दावा किया है कि कांग्रेस विधायक अलावा ने आदिवासियों को आजीविका देने और सीमेंट संयंत्र के लिए अधिग्रहित उनकी जमीन वापस दिलाने के जो वादे किए थे उसे वह पूरा करने में विफल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद अलावा दोबारा आदिवासियों से मिलने भी नहीं आए और इसको लेकर जनता में नाराजगी है. इस बार आदिवासी समुदाय उनके जाल में नहीं फंसेगा.
विधायक डॉ. हीरालाल अलावा
मनावर से कांग्रेस उम्मीदवार और आदिवासी संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जेएवाईएस) के राष्ट्रीय संरक्षक 41 साल के अलावा ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सहायक प्रोफेसर की नौकरी छोड़ने के बाद 2018 के विधानसभा चुनावों के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.
वहीं अलावा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने राज्य में आदिवासियों, किसानों और बेरोजगार लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया है. यह सरकार आउटसोर्सिंग के मदद से कई पदों को भर रही है. जो मौजूदा आरक्षण प्रणाली पर एक सीधा हमला है.
अलावा ने कहा कि उन्होंने इस बार मतदाताओं से मनावर को ज़िले का दर्जा दिलाने, क्षेत्र में बायपास सड़क के निर्माण और बेहतर शिक्षा केंद्र शुरू करने का वादा किया है.
2018 के विधानसभा चुनाव में अलावा ने बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व मंत्री रंजना बघेल को 39,501 वोटों से हराया था.
एक राजनीतिक विशेषज्ञ का कहना है कि अगर बघेल मनावर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ती हैं तो बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है.
230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर वोटिंग होगी जबकि नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.