कुकी-ज़ो आदिवासी संगठन कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) ने कल यानि सोमवार के दिन दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू अपनी अनिश्चितकालीन “आर्थिक नाकेबंदी” को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है.
इन राष्ट्रीय राजमार्ग में 2 और 37 क्रमशः नागालैंड और असम से मणिपुर में प्रवेश करते हैं. ये राजमार्ग राज्य के लिए बहुत महत्वपूरर्ण हैं. वहीं आदिवासी संगठन कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी सीओटीयू ने पिछले महीने यानि की 15 नवंबर को “कुकी-ज़ो आबादी वाले क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था को ठीक करने के लिए उन्होंने संबंधित प्राधिकारी के खिलाफ कठौर रवैये” के विरोध में नाकाबंदी लगाई गई थी.
कांगपोकपी ज़िला स्थित संगठन ने कहा कि नाकाबंदी को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय को आदिवासियों की दुर्दशा को देखते हुए किया गया था. समिति ने कुकी-ज़ो क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था के चुनिंदा कार्यान्वयन के लिए आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की थी.
आदिवासी निकाय ने एक बयान में कहा की इस मुद्दे पर काफी विचार-विमर्श के बाद समिति ने क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की कठिनाइयों को समझते हुए, अस्थायी रूप से आर्थिक नाकेबंदी को निलंबित करने का फैसला किया है.
इसमें कहा गया है की “वर्तमान स्थिति में बदलावों पर नज़र रखी जाएगी और (सीओटीयू) वर्तमान निलंबन की समीक्षा करेगा और जरुरत पड़ने पर नाकाबंदी को फिर से लागू करेगा.
राज्य में 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद भड़की जातीय हिंसा में लगभग 200 लोग मारे गए और 60,000 से अधिक लोग ने पलायन किया है.
विद्रोही समूह के साथ शांति-वार्ता
इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने मैतेई समुदाय की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए इंफाल घाटी स्थित एक विद्रोही समूह के साथ शांति-वार्ता की प्रक्रिया शुरू की है.
मणिपुर में कम से कम छह सक्रिय समूह हैं जिनसे सरकार बातचीत की योजना बना रही है. एक रिपोर्टों से पता चला है की सरकार प्रतिबंधित यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट के एक गुट के साथ भी बातचीत कर रही है.