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ओडिशा में आदिवासियों को पक्के घर उपलब्ध कराएगी मोदी सरकार – बिश्वेश्वर टुडू

इन योजनाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा नौ विभागों को और बेहतर बनाने के लिए कार्यशाला आयोजित करवाई गई है और इसके लिए एक ब्लू-प्रिंट भी तैयार किया गया है.

शुक्रवार को ओडिशा (Odisha) के केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री, बिश्वेश्वर टुडू (Bishweswar Tudu) ने बताया की केंद्र सरकार जल्द ही राज्य के सभी आदिवासियों को पक्का मकान उपलब्ध करवाएगी.

ओडिशा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री (Union minister of tribal affairs) ने कहा, “प्रधानमंत्री ने आदिवासी लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने शिक्षा, सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में विकास के लिए कई कार्य किए है और स्वच्छ पेयजल, पक्के घर और बिजली उपलब्ध कराने के लिए भी कई योजनाएं बनाई है.”

इन योजनाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा नौ विभागों को और बेहतर बनाने के लिए कार्यशाला आयोजित करवाई गई है और इसके लिए एक ब्लू-प्रिंट भी तैयार किया गया है.

वहीं दूसरी ओर बीजू जनता दल (बीजद) नेता भूपिंदर सिंह ने केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री द्वारा कही गई बात को चुनावी जुमला करार दिया.

उन्होंने कहा कि लोगों के विकास के बारे में सोचने में केंद्र सरकार से एक कदम आगे हैं. यही कारण है कि भाजपा अब यह कार्यक्रम लेकर आई है. यह चुनावी जुमला के अलावा और कुछ नहीं है और वे चुनाव से पहले ऐसे और जुमले लेकर आएंगे.

अगर केंद्र सरकार कार्यशाला के माध्यम से नौ सरकारी विभागों को बेहतर कर पाएगी तो ये न सिर्फ ओडिशा के आदिवासियों को फायदा देगा बल्कि देश के हर आदिवासी को इसे फायदा पहुंचेगा.

2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की जनजातीय जनसंख्या 95.91 लाख है जो राज्य की कुल जनसंख्या का 22.85 प्रतिशत है.

वहीं इस राज्य में सबसे ज्यादा पीवीटीजी यानी विशेष रूप से कमज़ोर जनजाति भी रहते हैं. राज्य में 13 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों सहित 62 जनजातीय समुदाय हैं.

अगर केंद्र सरकार आदिवासी समुदायों को पक्के मकान उपलब्ध करवाती है तो उम्मीद है कि इससे पीवीटीजी को सबसे आधिक फायदा मिले. क्योंकि ये समुदाय बुनियादी सुविधाओं के अभाव में गुजर-बसर कर रहे हैं.

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