केरल के मलप्पुरम ज़िले के पंदीराईराम वन क्षेत्र के वेट्टिलकोल्ली पनिया आदिवासी बस्ती के मोहनन ने एक कमाल कर दिखाया है. वो अपनी बस्ती से दसवीं पास करने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं.
एरंजीमांगड के एक स्कूल में केरल एसएसएलसी परीक्षा देने के लिए जाते हुए मोहनन का दो बार जंगल में हाथियों के झुंड से सामना हुआ. उन दोनों दिन उसके पास परीक्षा छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं था.
लेकिन मिस हुई इन दो परीक्षाओं को फिर से लिखने के लिए उसने सेव ए ईयर (SAY) विकल्प का इस्तेमाल किया. और जब सेव ए ईयर परीक्षा के परिणाम घोषित हुए, तो उनका यह फ़ैसला सही साबित हुआ.
मोहनन ने सभी विषयों की परीक्षा पास की हैं, और 10 वीं कक्षा पास करने वाले इस आदिवासी बस्ती के पहले व्यक्ति बन गए हैं.
पूरी बस्ती के निवासियों और मोहनन के शिक्षकों के लिए उसकी यह उपलब्धि गर्व की बात है. उनकी क्लास टीचर शैलजा और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जहाँ मोहनन ने पढ़ाई की, के प्रिंसिपल सोनी के समर्थन और प्रयास ने उनकी इस उपलब्धि में बड़ी भूमिका निभाई.
मोहनन ने अपने माता-पिता को कई साल पहले खो दिया था, और वो अपनी मां की बहन और उनके पति के साथ रहते थे.
पलक्कायम स्टडी सेंटर के एक शिक्षक केटी कल्याणी ने मोहनन को स्कूल में दाखिला दिलाने में मदद की. मोहनन आठवीं तक पालेमाडु में एक ट्राइबल हॉस्टल में रहते थे. उसके बाद, उसने एरंजीमांगड गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल में दाखिला लिया.
अब वह इसी स्कूल में अपनी आगे की पढ़ाई करना चाहता है.
मोहनन की यह उपलब्धि इसलिए भी सराहनीय है, क्योंकि वो जिस समुदाय से आते हैं, वो बेहद पिछड़ा है. पनिया एक बेहद पिछड़ा आदिवासी समुदाय है, जिसे पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में पीवीटीजी या आदिम जनजाति का दर्जा हासिल है.