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पीएम मोदी ने नागालैंड में जनजातीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की परियोजना

राज्य पर्यटन आयुक्त एवं सचिव आई. किट्टो झिमोमी ने कहा कि नागालैंड औद्योगिक और हरित क्रांति से चूक गया, लेकिन उसे पर्यटन क्षेत्र में शामिल होने का लाभ उठाना चाहिए.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को नागालैंड के चुमौकेदिमा जिले (Chumoukedima district) में ‘आदिवासी सांस्कृतिक अनुभव’ परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन किया.

पर्यटन मंत्रालय के तहत इस परियोजना का उद्देश्य राज्य की राजधानी कोहिमा और कमर्शियल हब दीमापुर के बीच त्सेपामा गांव में मनोरंजन केंद्र मिडवे रिट्रीट में पर्यटकों के लिए आदिवासी सांस्कृतिक अनुभवों को बढ़ावा देना है.

अधिकारियों ने कहा कि जनजातीय सांस्कृतिक अनुभव पर्यटकों को पारंपरिक कॉटेज में रहने और नागा व्यंजनों का आनंद लेने के अलावा आदिवासी संस्कृति और नागा लोगों के तरीके के बारे में जानने का अवसर भी प्रदान करेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के हिस्से के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों में 53 अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ श्रीनगर से इस परियोजना का डिजिटल उद्घाटन किया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता पर्यटन के अतिरिक्त निदेशक, तियारेनला ला रुत्सा ने की. कार्यक्रम में नागालैंड एसएचएम के शिक्षण संकाय और छात्रों ने भी भाग लिया.

राज्य पर्यटन आयुक्त एवं सचिव आई. किट्टो झिमोमी ने कहा कि नागालैंड औद्योगिक और हरित क्रांति से चूक गया, लेकिन उसे पर्यटन क्षेत्र में शामिल होने का लाभ उठाना चाहिए.

उन्होंने बताया कि स्वदेश दर्शन 1.0 के तहत 6 जिलों – पेरेन, कोहिमा, वोखा, मोकोकचुंग मोन और तुएनसांग में विभिन्न परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं. स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत न्यूलैंड और चुमौकेदिमा जिलों में परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं.

उन्होंने उम्मीद जताई कि पर्यटन मंत्रालय इस परियोजना के तहत राज्य के शेष 8 जिलों को कवर करने के लिए धनराशि प्रदान करेगा.

इस बीच उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही राज्य में स्वदेश दर्शन 1.0 के तहत पूरी हुई परियोजनाओं का उद्घाटन करेगी. झिमोमी ने कहा कि आतिथ्य क्षेत्र में नागालैंड स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (एसआईएचएम) में विभिन्न पाठ्यक्रमों से गुजरने वाले युवा छात्रों के लिए रोज़गार के नए अवसर खुलेंगे.

नागालैंड एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (नाटो) के अध्यक्ष, केजारोको पिएरू ने कहा कि नागालैंड में अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता, विविध संस्कृतियों और परंपराओं का एक खजाना है जिसे खोजे जाने की ज़रूरत है. यह प्राकृतिक सौंदर्य खोजे जाने की प्रतीक्षा में रहता है.

नागालैंड में पर्यटन की अपार क्षमताएं और संभावनाएं हैं लेकिन धीमी विकास दरों के कारण इसका क्षमता के मुताबिक इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है.

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