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लोकसभा चुनाव 2024: मध्यप्रदेश में आदिवासी वोट हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मैदान में उतरे

रविवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए आएंगे. चुनाव की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री का मध्य प्रदेश में यह पहली यात्रा होगी.

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी. इसलिए सभी राजनीतिक दल उन इलाकों में चुनाव प्रचार (Election Campaign) पर फोकस कर रहे हैं जहां इस चरण में मतदान है.

इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) मंडला ज़िले (Mandla District) के बीजाडांडी में आए थे. यहां उन्होंने अपने पार्टी के उम्मीदवार फग्गन सिंह के लिए चुनाव प्रचार किया.

मंडला मध्यप्रदेश के 6 अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीटों में से एक है. लोकसभा में मध्यप्रदेश की 29 सीटें है, जिनमें से 6 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित है.

इन 6 सीटों में मंडला, धार, खरगोन, रतलाम, बैतूल, शहडोल शामिल हैं.

मंडला ज़िले की सीट 1996  से 2004, 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते ही जीतते आए हैं. एक बार फिर बीजेपी ने फग्गन सिंह कुलस्ते को ही मंडला ज़िले से उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया है.

फग्गन सिंह कुलस्ते बेशक बड़े आदिवासी नेता हैं. लेकिन उनके चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री मोहन सिंह यादव को प्रचार के लिए बुलाया गया था.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान दिये भाषण मे अपनी सरकार के काम कम और कांग्रेस पार्टी की नाकामी ज़्यादा गिनवाई.

हांलाकि अब मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार को करीब दो दशक यानि 20 साल हो चले हैं.

मुख्यमंत्री ने बीजेपी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए एक बार फिर से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का ज़िक्र करते हुए कहा, “ बीजेपी  ऐसी इकलौती पार्टी है, जिसने आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया है.”

मुख्यमंत्री मोहन सिंह यादव का महाकौशल में यह दौरा चुनाव प्रचार के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा की तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए भी था.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) कल यानि रविवार 7 अप्रैल को जबलपुर में चुनाव प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं.

करीब 5 महीने पहले हुए विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में जीत हासिल कर सरकार का गठन किया है.

इस जीत का एक कारण यह भी बताया जाता है कि बीजेपी ने आदिवासी इलाकों में साल 2018 के चुनाव में खोई ज़मीन को फिर से हासिल किया है.

इस काम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Former Minister Shivraj Singh Chouhan) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

अब लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोडी है. प्रधानमंत्री कल जबलपुर में रैली करेंगे. इससे पहले वे झाबुआ में भी सभा कर चुके हैं.

जबलपुर गोंड आदिवासियों का गढ़ है तो झाबुआ भील आदिवासियों के भूमि है. इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस चुनाव में जीत के लिए आदिवासियों को कितनी अहमियत दे रहे हैं.

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