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केसीआर का आदिवासियों से पोडु भूमि का वादा सिर्फ कागजों में- बंदी संजय कुमार

बंदी संजय कुमार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले आठ वर्षों में कई वादे किए लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह सरासर झूठ है कि वह भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए धरणी पोर्टल लेकर आए थे. लोग उन पर हंस रहे हैं.

तेलंगाना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने सोमवार को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर आदिवासी लोगों से किए वादों को पूरा करने में विफल रहने पर लताड़ा है.

मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए, बंदी ने कहा, “उन्होंने उनसे (आदिवासियों) वादा किया था कि जो लोग पोडु भूमि पर खेती कर रहे थे, उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.”

करीमनगर के सांसद ने आरोप लगाया कि वादे अभी भी कागजों पर ही हैं और मुख्यमंत्री ने सत्ता में आने के बाद से किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

करीमनगर के वरलक्ष्मी गार्डन में प्रदर्शनकारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए, बीजेपी नेता बंदी संजय ने कहा, “वह भूमि अधिकारों के लिए आंदोलन करने के लिए उन्हें परेशान कर रहे हैं. धरणी पोर्टल (Dharani portal) की शुरुआत के साथ यह मुद्दा और जटिल हो गया है.”

बंदी ने केसीआर सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि आप आदिवासी किसानों के बीच बैठने के लिए कुर्सी नहीं ढूंढ पा रहे हैं ताकि उनकी समस्या को हल किया जा सके और मुद्दों को धरणी पोर्टल में ठीक किया जा सके.”

उन्होंने कहा कि केसीआर के लिए यह कहना एक प्रथा बन गई है कि वह एक कुर्सी पर बैठेंगे और जब तक वे किसी मुद्दे का समाधान नहीं करेंगे, तब तक वह जगह नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा, “क्योंकि वह खुद को महाराजा मानते हैं इसलिए हमने उनके बैठने और आदिवासी किसानों के मुद्दों को सुलझाने के लिए महाराजा कुर्सी की व्यवस्था की है.”

बंदी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले आठ वर्षों में कई वादे किए लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि यह सरासर झूठ है कि वह भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए धरणी पोर्टल लेकर आए थे. लोग उन पर हंस रहे हैं.

बंदी संजय कुमार ने कहा, “पोर्टल ने बल्कि शांतिपूर्ण गांवों में कानून और व्यवस्था के मुद्दे पैदा किए हैं. इसने सिर्फ जमीन हथियाने वालों और 40-50 साल पहले अपनी जमीन बेचने वालों की मदद की है.”

बंदी ने आगे कहा कि पोर्टल से “अतिक्रमण” कॉलम को हटाने, गांवों और भूमि मालिकों के नाम बदलने से पूरी तरह से अराजकता हुई. बंदी ने कहा,”ऐसा प्रतीत होता है कि पोर्टल केवल रायथु बंधु योजना को हटाने के लिए लाया गया था.”

उन्होंने बताया कि धरणी पोर्टल में त्रुटियों को दूर करने के लिए लाखों आवेदन राजस्व कार्यालयों में भरे पड़े हैं. बंदी ने कहा कि यहां तक ​​कि टीआरएस नेता भी धरणी पोर्टल में गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री अडिग हैं.

संजय बंदी ने याद दिलाया कि उनकी प्रजा संग्राम यात्रा के दौरान हजारों किसानों ने धरणी पोर्टल से संबंधित मुद्दों को उनके संज्ञान में लाया था. उन्होंने दावा किया कि अभी तक 15 लाख एकड़ भूमि से संबंधित रिकॉर्ड धरणी पोर्टल में दर्ज नहीं किए गए हैं और जो पंजीकृत थे वे गलतियों से भरे हुए थे.

बंदी ने कहा कि सीएम त्रुटिपूर्ण पोर्टल को जारी रखने पर अड़े हुए हैं क्योंकि उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर हजारों करोड़ की भूमि पर कब्जा कर लिया था. उन्होंने कहा कि अगर धरणी पोर्टल को हटा दिया जाता है, तो उससे उन्हें नुकसान होगा.

(Image Credit: Times Of India)

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