मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई है. कांगपोपकी जिले में मंगलवार सुबह प्रतिबंधित उग्रवादी समूहों ने कुकी जनजाति के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. इन हत्याओं के बाद से राज्य में एक बार फिर से तनाव का माहौल पैदा हो गया है. राज्य में अब बड़ी संख्या में केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात हैं.
अधिकारियों ने बताया की हमलवार एक वाहन में आए और इंफाल पश्चिमी कांगपोपकी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में स्थित इरेंग और करम इलाकों के बीच ग्रमीणों पर हमला किया. यह गांव पहाड़ों के बीच स्थित है और यहां जनजातिय लोगों का प्रभुत्व अधिक है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी हमारे पास ज्यादा जानकारी नहीं है. हम केवल इतना जानते हैं कि घटना सुबह करीब आठ बजकर 20 मिनट पर हुई जब अज्ञात लोगों ने इरेंग और करम वैफेई के बीच एक इलाके में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी.’’
क्या है पूरा मामला
पूरे मामले की जानकारी रखने वाला एक अधिकारी ने बताया, ‘घटना की सूचना मिलते ही असल राइफल्स और राज्य के पुलिस जवान मौके पर पहुंचे. फोर्स के पहुंचते ही फायरिंग रुक गई और हत्यारे भाग निकले. फिलहाल पुलिस उनकी तलाश कर रही है और आसपास की इलाकों में घेराबंदी करके सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है’.
कांगपोपकी स्थित आदिवासी समुदायों से जुड़ी एक संगठन कमेटी ने बताया की मारे गए तीनों लोग कुकी आदिवासी समुदाय से तालुल्क रखते हैं. आदिवासी संगठन कमेटी ने इस हमले पर निंदा जाहिर की.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों की पहचान सतनेओ तुबोई, नगामिनलुन ल्हौवम और नगामिनलुन किपगेन के रूप में हुई है. इससे पहले 8 सितंबर को भी ऐसी ही एक घटना में 3 लोगों की मौत हो गई थी. ये घटना टेंग्नौपाल जिले के पल्लेल इलाके में हुई थी. इस हिंसा में 50 से भी ज़्यादा लोग घायल हुए थे.
मणिपुर में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसक संघर्ष चल रहा है. इस जातीय हिंसा में अभी तक 170 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं हज़ारों लोगों को अपना घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
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