आदिवासी समुदाय के विकास में डिज़ाइन विषय के विभिन्न एक्सपर्ट, प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स 20 अक्टूबर से ट्राइबल डिज़ाइन फोरम द्वारा आयोजित 5 दिवसीय “ट्राइब्स इन ट्रांज़िशंस” बूटकैंप में अपनी सहभागिता दिखा रहे हैं. इसका आयोजन गुजरात के तेजगढ़ में आदिवासी अकादमी में किया गया है.
इस बूटकैंप में अगले 5 दिन प्रतिभागी अपनी रचनात्मकशीलता और विषय विशेषज्ञता का इस्तेमाल आदिवासी हस्तकला,टेक्सटाइल, फैशन, टूरिज्म,प्लेसमैकिंग, इकोलॉजी, फ़ूड, एग्रीकल्चर, शिक्षा, हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों के विकास में आ रही चुनौतियों और उनके समाधान पर काम करेंगे.
घाटशिला स्थित फोरम के प्रतिनिधि श्याम मुर्मू बताते हैं कि इस 5 दिवसीय बूटकैंप में देशभर के 19 राज्य और 15 जनजातियां हिस्सा ले रही है. जिसमें अंगामी, बंजारा, भील, बॉट, डोंगरिया कोंध, गरासिया, कचारी, खारिया, लेप्चा, मुंडा, ओरांव, राठवा, संथाल, तांगखुल और येरुकुला जनजातियों से संबंधित युवा, क्रिएटिव स्टूडेंट, प्रोफेशनल्स और विशेषज्ञ पहली बार ट्राइबल डिज़ाइन फ़ोरम द्वारा इस प्रकार के आयोजन में हिस्सा लें रहे है. इसमें झारखण्ड की मुंडा कल्चरल टीम – रुम्बुल भी हिस्सा ले रही है.
बूटकैंप के दौरान प्रतिभागी रोजाना क्षेत्रीय भ्रमण, आदिवासी फिल्मकरों द्वारा निर्मित फिल्म स्क्रीनिंग, विजुअल एक्सहिबिशन,लोकसंगीत और विषयगत कार्ययोजना के माध्यम से अपनी समझ को विस्तृत करेंगे.
इस कार्यक्रम में सन साल्वाडोर, अमेरिका,नीदरलैंड,नेपाल, यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों के डोमेन एक्सपर्ट्स ऑनलाइन हिस्सा लेंगे ताकि प्रतिभागी दुनिया में हो रहे आर्ट, डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी के उन बेस्ट प्रैक्टिस से रूबरू हो सके जिनका इस्तेमाल वर्तमान में आदिवासी समुदायों की चुनौतियों के समाधान के रूप में किया जा रहा है.
इस कार्यशाला के आखिर में प्रतिभागी डिज़ाइन,कला और टेक्नोलॉजी को माध्यम बना कर आदिवासी समुदायों की वर्तमान चुनौतियों के सतत समाधान की दिशा में अपने-अपने समूह की प्रस्तुति देंगे जिसका इस्तेमाल आदिवासी समुदाय के लिए नीति-निर्धारण में अहम भूमिका निभा सकता है.
ट्राइबल डिज़ाइन फोरम भारत में विभिन्न आदिवासी समुदायों के डिज़ाइनरों और क्रिएटिव प्रोफेशनल्स का एकमात्र समूह है जो गुजरात के तेजगढ़ में आदिवासी अकादमी और जिला प्रशासन एवं इंडिया टूरिज्म के सहयोग से इस बूटकैंप का आयोजन कर रहा है. फोरम के शैक्षणिक सहभागी 1EQ एडुटेक द्वारा आदिवासी अकादमी में ही निःशुल्क सेल्फ लर्निंग सेंटर की शुरुआत करने जा रहा है. इस तरह अकादमी अभ्यर्थियों को किताबों और ऑनलाइन पढ़ने की सामग्री के जरिए परीक्षा की तैयारी करने के लिए क्षेत्रीय केंद्र के रूप उभरेगा.
“ट्राइब्स इन ट्रांज़िशंस” इस तरह का पहला आयोजन है जिसमे पूरे भारत से प्रतिभागी भाषायी-सांस्कृतिक सीमाओं को पार कर शामिल हो रहे हैं. साथ ही आदिवासी समुदाय के ज्ञान, कौशल, कला के विकास की दिशा में संयुक्त बौद्धिक प्रयास कर रहे हैं.