रावानी भारतीय महिला दृष्टिबाधित किक्रेट टीम की सदस्य है. जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को विश्व ब्लाइंड स्पोर्ट्स फडरेशन (IBSA ) के फाइनल में हाराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है. उन्होने इस मैच में 54 रन बनाए है.
विश्व ब्लाइंड स्पोर्ट्स फडरेशन (IBSA ) की शुरूआत 1981 में फ्रांस के पेरिस में हुई थी. इस संगठन का उद्येश्य विश्व के सभी दृष्टिबाधित लोगों को खेल के स्तर में बढ़ावा देना था. इस संगठन में 70 देश शामिल है. 2023 में संगठन द्वारा आयोजित सभी खेलों को 14 से 27 अगस्त तक खेला जाएगा.
रावानी की कहानी
वासनिन रावानी आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिलें के गांव नरसिंगपाडु में रहती है. वे आंध्र प्रदेश की एकमात्र ऐसी महिला है जिन्होंने विश्व स्तर पर खेला है. रावानी पहले विशाखापट्टनम के दृष्टिबाधित सरकारी स्कूल में पढ़ती थी. इसके बाद वह अपनी इंटरमीडिएट पढ़ाई हैदाराबाद से कर रही है.
रावानी नरसिंगपाडु गांव में रहने वाले किसान गोपल किशन की बेटी है. वहीं उनकी माता चिताम्मा घरेलू महिला है. इन दोनों के 5 बच्चे हैं जिनमें से तीन बच्चें दृष्टिबाधित थे.
रावानी के पित्ता गोपाल किशन ने कहां जब उनकी बेटी ने स्कूल में किक्रेट खेलना शुरू किया था तब उन्होंने ये कभी नहीं सोचा था की उनकी बेटी आंध्र प्रदेश की एकमात्र ऐसी आदिवासी महिला होगी. जो विश्व स्तर पर खेलेगी. उनहोंनें ये भी कहां की वे देश के लिए आगे भी गोल्ड मेडल जीत कर लाएगी.
रावानी के माता पिता को सरकार से ये उम्मीद है कि वे सभी खिलाड़ियों को बेहतर नौकरी देगें. रावानी के माता पिता पहले बहुत दुखी थे कि उनके बच्चें दृष्टिबाधित है. लेकिन रावानी के इस प्रयास ने उनके मन में एक उम्मीद जागाई है.
गांव वालों ने रावानी का धूमधाम से स्वागत किया. साथ ही जिले के कलेक्टर उनके घर गए और माता पिता से बात चीत की. रावानी के इस प्रयास ने कई आदिवासी युवकों के मन में प्रेरणा जागाई है.