HomeAdivasi Dailyआंध्र प्रदेश के दो गांव ओडिशा में क्यों शामिल होना चाहते हैं?

आंध्र प्रदेश के दो गांव ओडिशा में क्यों शामिल होना चाहते हैं?

आंध्र प्रदेश के पार्वतीपुरम मान्यम जिले के दो गांव रेब्बा और वांदधारा के आदिवासी समुदाय ओड़िशा में शामिल होने की मांग कर रहे है. दरअसल काफी समय यहां रहने वाले आदिवासी सरकार से रस्सी के ब्रिज और मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सड़क की मांग कर रहे थे. जिसे राज्य सरकार द्वारा अनदेखा किया जा रहा है.

आंध्र प्रदेश के दो आदिवासी गांव रेब्बा और वांदधारा काफी समय से रस्सी के ब्रिज और सड़क की मांग कर रहे हैं. इन गांवो में 500 से ज़्यादा आदिवासी रहते है. इन्हें अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए नागावाली नदी को बोट के जरिए पार करना पड़ता हैं.

यह  दोनों गांव ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित हैं. इन गांवों के कुछ किलोमीटर में ही कोमरदा मंडलवार मुख्यालय पड़ता है. सोमवार से ही इन गांव की आदिवासियों ने जिले के तहसीलदार के दफ़्तर पर धरना देना शुरू कर दिया था.

आदिवासी गांव की मांग

आंध्र प्रदेश के रेब्बा और वांदधारा गांव में 500 से भी ज़्यादा लोग रहते हैं. ये दोनों ही गांव ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के बॉर्डर में पड़ते हैं. इसलिए सरकार भी इनमें कुछ खास ध्यान नहीं देती.

यहां रहने वाले सभी लोग सरकार से कई सालों से रस्सी के ब्रिज और सड़को की मांग कर रहे थे ताकि वो भी मुख्यधारा कहे जाने वाले क्षेत्रों से जुड़ पाए.

लेकिन आंध्र प्रदेश की सरकार लगातार इनकी ये मांग अनसुनी कर रही थी. इस वजह से इन्होंने अब फैसला लिया है की यह दोनों गांव ओड़िशा में शामिल होना चाहते हैं. इनका मानना है कि ओड़िशा की सरकार आदिवासी समुदाय के लिए अच्छा काम कर रही है.

कोटिया कलस्टर इसका एक अच्छा उदाहरण है. ओड़िशा की सरकार ने यहां पर काफी अच्छा इंफास्ट्रक्चर विकसित किया है.

इसलिए ये दोनों गांव भी ओड़िशा में शामिल होना चाहते हैं.

नदी को पार करते हुए वीडियो हुआ वायरल

कुछ हफ़्ते पहले ही गांव के कुछ लोगों की नागावाली नदी पार करने की एक वीडियो सोशल मीडिया मे खूब वायरल हुई थी. इसमें दो आदिवासी बच्चों को अस्पाल ले जाने के लिए नदीं को पार करने की कोशिश कर रहे थे.

यह वीडियो रेब्बा गांव की थी. बारिश के समय में मुख्यधारा से जुड़े ना रहने के कारण इन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

अक्सर आए दिन आदिवासी अपनी मूलभूत आवयश्कताओं के लिए लड़ता हुआ दिखाई देता है. हमारे सविधान में मूलभूत आधिकार का जिक्र किया गया है. इसमें कहां गया है की यह आधिकार सभी को सामान रुप से मिलना चाहिए.

लेकिन राजनीति का केंद्र ना होने के कारण इन्हें अनदेखा कर दिया जाता है. सरकार को इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों में विकास के लिए अलग अलग गांव में स्कूल, अस्पाताल जैसी सुविधाएं देने की आवयश्कता है. साथ ही इन सभी जगहों को मुख्यधारा क्षेत्रों से जोड़ा जाना चाहिए.

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