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मणिपुर में केंद्रीय मंत्री रंजन सिंह के आवास पर भीड़ ने की तोड़फोड़

राज्य में हिंसा का दौर थम नहीं रहा है. इंफाल पूर्व में शुक्रवार यानि आज तड़के गोलीबारी की आवाज सुनी गई. सुरक्षा बलों ने बुधवार को नौ आम नागरिकों की मौत का विरोध कर रहे नाराज स्थानीय लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़े और नकली बम का इस्तेमाल किया.

जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की राजधानी इंफाल के कोंगबा में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आर के रंजन सिंह के आवास में भीड़ ने तोड़फोड़ की. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. हालांकि घटना के समय केंद्रीय मंत्री और उनका परिवार घर में मौजूद नहीं था.  

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों और दमकल कर्मियों ने भीड़ की आग लगाने की कोशिश गुरुवार रात नाकाम कर दी और मंत्री के आवास को जलने से बचा लिया.

इससे पहले इंफाल के बीचों-बीच गुरुवार दोपहर को मणिपुर द्रुत कार्य बल और भीड़ के बीच झड़पें हुई और भीड़ ने दो घरों को आग लगा दी. अधिकारियों ने बताया कि शहर में आम लोगों की भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच बृहस्पतिवार देर रात भी झड़प हुईं.

वहीं मंत्री रंजन सिंह ने उनके आवास में तोड़-फोड़ की घटना के बाद न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘मैं स्तब्ध हूं. मणिपुर में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह फेल हो गया है. मैं 3 मई (जब राज्य में जातीय संघर्ष शुरू हुआ था) से शांति लाने और हिंसा रोकने की कोशिश रहा हूं. यह सब दो समुदायों के बीच गलतफहमी का मामला है. सरकार ने एक शांति समिति का गठन किया है, प्रक्रिया जारी है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसे (आवास को) बहुत मेहनत से कमाए धन से बनाया है. मैं भ्रष्ट नहीं हूं. इस सरकार में कोई भ्रष्ट नहीं है. यदि यह धर्म का मामला है तो मैं एक हिंदू हूं. हमलावर हिंदू हैं, तो यह धर्म का भी मामला नहीं है. यह बस एक भीड़ है.’’

उन्होंने कहा कि सरकार सभी समुदायों से बात करेगी और रास्ता निकालेगी.

पार्टी के एक समारोह के लिए कोच्चि गए केंद्रीय मंत्री ने केरल में अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और घर जा रहे हैं.

राज्य में हिंसा का दौर थम नहीं रहा है. इंफाल पूर्व में शुक्रवार यानि आज तड़के गोलीबारी की आवाज सुनी गई. सुरक्षा बलों ने बुधवार को नौ आम नागरिकों की मौत का विरोध कर रहे नाराज स्थानीय लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़े और नकली बम का इस्तेमाल किया.

अधिकारियों ने बताया कि झड़पों के दौरान दो प्रदर्शनकारी और द्रुत कार्य बल (आरएएफ) का एक कर्मी घायल हो गए. उन्होंने बताया कि आरएएफ कांस्टेबल के सिर पर पत्थर लगा है.

उन्होंने बताया कि नोंगमेइबुंग और वांगखेई में प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और निर्माण सामग्री एकत्र कर मुख्य सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प हो गई.

सीएम ने की हिंसा की निंदा

मणिपुर के खामेनलोक इलाके में नौ लोगों की हुई हत्या की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों का तलाश अभियान जारी है.

मुख्यमंत्री सिंह ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य की एकता एवं अखंडता की रक्षा करेगी और राज्य के लोगों के हित के खिलाफ कोई भी चीज नहीं करेगी.

उन्होंने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘‘अर्द्धसैनिक बलों और मणिपुर के पुलिसकर्मियों के एक संयुक्त दल ने दोषियों को पकड़ने के लिए कुरांगपट और येंगांगपोकपी सहित अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है और इस जघन्य अपराध में संलिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.’’

कुकी गांव के बाहर एक मुठभेड़ में नौ लोगों की मौत ने संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है और राज्य की राजधानी इंफाल सहित अन्य स्थानों पर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया। इंफाल में बृहस्पतिवार को झड़पें हुईं और मकानों को आग के हवाले कर दिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि तलाशी अभियान पर्वतीय इलाकों के 41 गांव और इससे लगे घाटी क्षेत्र में 39 गांव में चलाया गया है.

बुधवार तड़के राज्य के खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध बदमाशों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए थे.

मुख्यमंत्री ने राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की सरकार की कोशिशों में लोगों से विश्वास रखने की अपील की.

कांग्रेस ने की सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग

कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि मणिपुर पिछले 40 दिनों से जल रहा है और संघर्ष नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है. कानून के शासन का कोई आभास नहीं है और जो सत्ता में हैं वे खुद हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं.

हथियारों और गोला-बारूद के साथ उग्रवादियों की मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है. उनकी सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. इस भयावह स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है?

वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. क्योंकि देश जवाब मांग रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के आवास पर हमले के बाद क्या पीएम मोदी कुछ बोलेंगे?

मणिपुर में करीब डेढ़ महीने पहले मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है. मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं.

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं.

(प्रतिकात्मक फोटो)

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