HomeAdivasi Dailyनागालैंड के सुमी आदिवासियों के फसलों से जुड़े तुलूनी त्योहार में क्या...

नागालैंड के सुमी आदिवासियों के फसलों से जुड़े तुलूनी त्योहार में क्या है ख़ास

यह त्योहार मुख्य रूप से नागालैंड के सुमी या सेमा आदिवासियों द्वारा मनाया जाता है. जुलाई के महीनें में आने वाला फसलों के इस त्योहार में आदिवासी नाच-गाने से लेकर पूजा-पाठ तक सब शामिल है.

आदिवासियों के ज्यादातर त्योहार बुआई या उगाई के समय आते हैं. क्योंकि इनके अधिकतर त्योहार फसलों से जुड़े हुए होते हैं. फसलों से जुड़ा ऐसा ही एक त्योहार है- तुलूनी (Tuluni festival)

यह त्योहार मुख्य रूप से नागालैंड के सुमी या सेमा (Sumi tribes of nagaland) आदिवासियों द्वारा मनाया जाता है. जुलाई के महीने में आने वाले फसलों के इस त्योहार में आदिवासी नाच-गाने से लेकर पूजा-पाठ सब शामिल है.

सुमी आदिवासियों में यह दिन इतना शुभ माना जाता है कि इस दिन युवक और युवतियों के रिश्ते भी तय होते हैं. रिश्ता तय होने के बाद दुल्हा और दुल्हन का परिवार एक-दूसरे के घर खाने-पीने जाते हैं.

इसके अलावा सभी लोग एक-दूसरे खाने-पीने की चीजें और अन्य उपहार देते हैं. आदिवासी किसान जो पूरे साल मेहनत और मज़दूरी करते हैं, वे इस दिन सिर्फ आराम करते हैं और त्योहार का लुफ्त उठाते है.

फसल से जुड़े रहने के कारण इस त्योहार में खाने-पीने की कोई कमी नहीं होती. इस दिन चावल के शराब यानि राइस बियर का सेवन मुख्य होता है और सभी दिल खोलकर इस पेय पदार्थ को पीते हैं.

चावाल से बने इस पेय को तुलूनी कहा जाता है. इसे अन्नी भी कहते हैं, जो फसलों के मौसम को दर्शाता है.

राइस बीयर को किसी प्लास्टिक या स्टील के गिलास में नहीं बल्कि पत्तियों से बने प्यालों में परोसा जाता है.

सुमी आदिवासियों के भी दो कबीले है. जिनमें स्वू (सुमी) और तुकू (तुकुमी) शामिल है और यह त्योहार मुख्य तौर पर सुमी कबीले के लिए अधिक महत्व रखता है.

इस दिन सुमी आदिवासी अपने देवता ‘लिट्सबा’ से प्रार्थना करते हैं की वह उनके खेत और जीवन में समृद्धि लाए. देवता लिट्सबा को प्रार्थना के दौरान शराब, मीट और चावल चढ़ाया जाता है. इसके अलावा इस दिन आदिवासी पारंपरिक नाच-गाने और खेल-खुद का लुफ्त उठाते हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments