HomeAdivasi Dailyआदिवासी आईएएस अधिकारी वैभव वाघमारे ने इस्तीफ़ा क्यों दिया ?

आदिवासी आईएएस अधिकारी वैभव वाघमारे ने इस्तीफ़ा क्यों दिया ?

अपने इस्तीफ़े की ख़बर फ़ेसबुक पर साझा करते हुए वाघमारे ने लिखा है, “ भारतीय प्रशासनिक सेवा देश की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे शानदार सरकारी नौकरी है. लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि, जिसे दुनिया में सर्वोत्कृष्ट माना जाता है वह हर किसी के लिए सर्वोत्तम हो और कोई इसे पूरी ज़िंदगी करते रहे."

महाराष्ट्र के मेलघाट इलाक़े में ट्राइबल प्रोजेक्ट ऑफ़िसर के पद पर काम कर रहे आईएएस अधिकारी वैभव वाघमारे ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने अपना इस्तीफ़ा केन्द्रीय सचिव को भेज दिया है

वैभव वाघमारे ने इस्तीफ़ा क्यों दिया है इसके कारण अभी तक साफ़ नहीं है. उन्होंने एक फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए यह घोषणा की है. लेकिन कारणों के बारे में अभी तक कोई बात नहीं की है. वाघमारे मीडिया से बातचीत से भी अभी तक बच रहे हैं. 

2016 बैच के आईएएस अधिकार वैभव वाघमारे को एक काबिल ऑफ़िसर के तौर पर जाना जाता है. वो अमरावती ज़िले में प्रोजेक्ट ऑफ़िसर के पद पर काम कर रहे थे. उनके बारे में कहा जाता है कि वो एक ऐसे अधिकारी हैं जो दफ़्तर में कम और लोगों के बीच में ज़्यादा रहते हैं.

उन्होंने अपने क्षेत्र के आदिवासी गाँवों में रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए मोहन फ़ुल बैंक के ज़रिए कम से कम 300 गाँवों को जोड़ा. वैभव के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने आदिवासी विकास से जुड़ी योजनाओं को लोगों तक पहुँचाने के नायाब तरीक़े अपनाए थे.

इस सिलसिले में उन्होंने हाल ही में 8 अप्रैल को आदिवासी आश्रम स्कूल में दूध मेले का आयोजन किया. इस मौक़े पर उन्होंने आदिवासी बच्चों के परिवारों से बातचीत की थी. उन्होंने कहा कि मेलघाट इलाक़े में दो वक़्त का खाना मिलना एक बड़ी चुनौती है. 

आदिवासी बच्चों के माँ बाप से बातचीत में उन्होंने कहा कि आप से बेहतर यह बात कोई और नहीं समझ सकता है. उन्होंने कहा कि आप सिर्फ़ क़िस्मत के भरोसे बैठे नहीं रह सकते. बल्कि इस हालत से बाहर आने की कोशिश करनी पड़ेगी. 

अपने इस्तीफ़े की ख़बर फ़ेसबुक पर साझा करते हुए वाघमारे ने लिखा है, “ भारतीय प्रशासनिक सेवा देश की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे शानदार सरकारी नौकरी है. लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि, जिसे दुनिया में सर्वोत्कृष्ट माना जाता है वह हर किसी के लिए सर्वोत्तम हो और कोई इसे पूरी ज़िंदगी करते रहे.” 

मेलघाट इलाक़ा कुपोषण से होने वाली मौतों के लिए जाना जाता रहा है. इस क्षेत्र में आदिवासी बच्चों में कुपोषण एक बड़ी समस्या है. 

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