HomeAdivasi Dailyगुजरात: वसावा आदिवासी नेताओं के बीच बहस की क्या है वज़ह

गुजरात: वसावा आदिवासी नेताओं के बीच बहस की क्या है वज़ह

गुजरात के भरूच जिले के झगड़िया में 17 दिसंबर, रविवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया था.  इस कार्यक्रम में वासवा समुदाय के सभी नेता शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम का उद्देश्य समुदाय के लोगों को केंद्र सरकार की आदिवासी योजनाओं से अवगत करवाना था.

आदिवासी नेता और आप डेडियापाड़ा विधायक चैतर वसावा (AAP Dediapada MLA Chaitar Vasava) की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद,  गुजरात (Gujarat) के भरूच जिले के झगड़िया में 17 दिसंबर, रविवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया था.  

इस कार्यक्रम में वासवा समुदाय (vasava community) के सभी नेता शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम का उद्देश्य समुदाय के लोगों को केंद्र सरकार की आदिवासी योजनाओं से अवगत करवाना था.

वहीं कार्यक्रम के दौरान भरूच ज़िले के भाजपा सांसद मनसुख वसावा (Mansukh Vasava) और आदिवासी नेता डॉ. शांतिकार वसावा (Dr. Shantikar Vasava) के बीच बहस हो गई थी.

जिसने मौजूदा जनसमूह को भी उकसा दिया और वो सभी डॉ शांतिकार का समर्थन करने के लिए स्टेज पर चढ़ गए.

क्या है बहस की वज़ह

कार्यक्रम के दौरान डॉ. शांतिकार ने आदिवासी नेता और उनके ‘आत्मनिर्भर ’ वाले भाषण पर कई सवाल उठाए.
उन्होंने नेताओं पर सवाल उठाए और कहा, “ ये नेता आत्मनिर्भर आदिवासियों की जमीन छीनने के बाद आत्मसम्मान की बात करते है. जो आदिवासी हमेशा से स्वाभिमान में रहता था, उसे इन नेताओं ने भिखारी बना दिया है.

आदिवासी, जो अपना अनाज उगाकर खुद खाते थे, अपने लोक गीत गाते थे, अपने पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाते थे, अपनी भाषा बोलते थे. इन आदिवासियों की स्थिति आपने (राजनीतिक नेताओं) ऐसी बना दी है की उन्हें भोजन और पानी के लिए भीख मांगना पड़ता है और आप अब स्वाभिमान की बात करते हैं.”

उन्होंने आगे बताया की नर्मदा ज़िले के एकता नगर में निर्मित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के साथ-साथ सरदार सरोवर बांध के लिए भूमि अधिग्रहण का निर्णय एक समिति द्वारा किया गया था, जिसमें आदिवासी नेता भी इसका हिस्सा थे.

उन्होंने ये भी बताया की संविधान के अनुसार आदिवासी समिति की मंजूरी से जमीन का अधिग्रहण किया जा सकता है और इन समितियों का हिस्सा कौन है? ये नेता ही हैं, जो अब आपको आत्मनिर्भर बनाने और आत्म-सम्मान पाने के लिए (सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए) भाषण दे रहे हैं.

इसके बाद मौजूदा भीड़ में गुस्सा भर गया और सभी डॉक्टर की बात से सहमत होने लगे.

इस कार्यक्रम की एक वीडियों भी वायरल हुई है. जिसमें ये साफ तौर देखा जा सकता है की मनसुख वसावा अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए और स्टेज पर चढ़ कर डॉक्टर को अपना भाषण रोकने के लिए कहा.

तभी डॉक्टर ने कहा, “ मनसुखभाई मुझसे बात करना बंद करने के लिए कह रहे हैं क्योंकि मैं जाहिर तौर पर अनादर कर रहा हूं.”

जैसे ही भीड़ शांतिकर के समर्थन में स्टेज की ओर बढ़ी, उसी बीच स्थानीय नेताओं ने हस्तक्षेप किया. वहीं शांतिकर ने भीड़ से “धैर्य और संयम दिखाने” का आग्रह किया.

हालांकि बात यहीं खत्म नहीं हुई, जब शांतिकर कार्यक्रम स्थल से बाहर निकल रहे थे तो उनके वाहन पर कुछ लोगों द्वारा पथराव किया गया था.

इस मामले में अभी तक कोई भी शिकायत पुलिस में दर्ज नहीं की गई है.

वहीं डॉक्टर के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए मनसुख वसावा ने कहा, “ कई लोग वसावा समुदाय को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे सफल नहीं होंगे. हम समुदाय को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं. मैं शांतिकर वसावा को बताना चाहता हूं कि यह कार्यक्रम समुदाय को एकजुट करने के लिए था न की समुदाय और उन्हें विभाजित करने के लिए. ये लोग उन आदिवासी अधिकारियों के ख़िलाफ़ हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता के प्रयासों के द्वारा शिक्षा प्राप्त की है और नौकरियां ली हैं.”

उन्होंने आगे बताया कि कार्यक्रम ये सुनिश्चित करने के लिए रखा गया था की केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सभी सरकारी योजनाएं समुदाय के सदस्यों तक पहुंच सकें.

Photo credit:- indianexpress.com

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