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सोमवार को भी विभाग नहीं मिला, त्रिपुरा में टिपरा मोथा के मंत्री अधर में लटके

त्रिपुरा में बीजेपी और टिपरा मोथा के गठबंधन की यह शुरुआत अच्छी नज़र नहीं आ रही है. टिपरा मोथा के कई नेताओं को यह लगता है कि पार्टी को विधान सभा में अपनी ताक़त के हिसाब से कम से कम उपमुख्यमंत्री और दो कैबिनेट मंत्री पद माँगने चाहिए थे.

त्रिपुरा की माणिक साहा सरकार में शामिल नए मंत्रियों को शपथ लिये हुए अब 5 दिन हो चुके हैं. लेकिन अभी तक नए मंत्रियों यानि अनिमेष देबबबर्मा और बिरसकेतु देबबर्मा (Animesh Debbarma and Brishaketu Debbarma) के विभाग अभी तक तय नहीं हो पाये हैं.

टिपरा मोथा के कैंप से कुछ ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि बीजेपी और टिपरा मोथा के बीच गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है. शनिवार को MBB के साथ ख़ास बातचीत में अनिमेष देबबर्मा ने ऐसे संकेत दिये थे कि वे बहुत खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा था कि उनके विभाग के बारे में टिपरा मोथा चीफ़ प्रद्योत किशोर माणिक्य, मुख्यमंत्री माणिक साहा और बीजेपी के केंद्रीय नेता बात कर रहे हैं.

उन्होंने इस इंटरव्यू में यह भी कहा था कि शपथ लेने के बाद से उनकी मुख्यमंत्री माणिक साहा से कोई बातचीत नहीं हुई है. टिपरा मोथा के एक सूत्र से बातचीत में भी यह पता चला है कि अनिमेष देबबर्मा इस बात से ख़फ़ा हैं कि टिपरा मोथा को सिर्फ़ दो मंत्री पद दिये गए हैं. 

इसमें भी एक कैबिनेट और दूसरा राज्य मंत्री का पद दिया गया है. अनिमेष देबबर्मा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. लेकिन उनकी माँग है कि उन्हें ग्रामीण विकास या फिर पीडब्ल्यूडी में से कोई एक विभाग दिया जाना चाहिए.

टिपरा मोथा के एक नेता ने यह भी बताया है कि शनिवार को प्रद्योत किशोर माणिक्य ने अनिमेष देबबर्मा का ग़ुस्सा शांत करने के लिए उनसे बातचीत की है. 

प्रद्योत किशोर माणिक्य और बीजेपी ने कुछ नहीं कहा है

टिपरा मोथा के चीफ़ प्रद्योत किशोर माणिक्य ने केंद्र और त्रिपुरा सरकार के साथ आदिवासी विकास और अन्य मुद्दों पर त्रिपक्षीय समझौते के बाद कहा था कि उनके मंत्री सरकार में शामिल हो रहे हैं जिससे कि आदिवासी इलाक़ों में विकास हो सके.

लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उनके मंत्रियों को कोई विभाग नहीं मिला है. यह उम्मीद की जा रही थी कि उनके वरिष्ठ नेता और विधान सभा में नेता विपक्ष अनिमेष देबबर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.

लेकिन टिपरा मोथा को उप मुख्यमंत्री का पद नहीं दिया गया है. टिपरा मोथा के सूत्रों का कहना है कि अनिमेष देबबर्मा इस बात से बेहद नाराज़ हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उन्हें कोई ऐसा मंत्रालय नहीं दिया गया जिससे वे आदिवासी इलाक़ों में काम कर सकते हैं तो वे मंत्री पद से इस्तीफ़ा भी दे सकते हैं.

उधर बीजेपी की तरफ़ से इस पूरे मामले पर चुप्पी साध ली गई है. 

त्रिपुरा में बीजेपी और टिपरा मोथा के गठबंधन की यह शुरुआत अच्छी नज़र नहीं आ रही है. टिपरा मोथा के कई नेताओं को यह लगता है कि पार्टी को विधान सभा में अपनी ताक़त के हिसाब से कम से कम उपमुख्यमंत्री और दो कैबिनेट मंत्री पद माँगने चाहिए थे.

MBB के साथ इंटरव्यू में अनिमेष देबबर्मा ने यह उम्मीद ज़ाहिर की थी कि सोमवार यानि आज उन्हें और उनके साथी के विभाग की घोषणा हो जाएगी.

लेकिन आज भी मुख्यमंत्री माणिक साहा ने इस बारे में कोई संकेत नहीं दिये हैं.

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