गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने त्रिपुरा के जनजातीय (Tribes of Tripura) लोगों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि केंद्र, राज्य और टिपरा मोथा (Tipra Motha party) के बीच हुआ समझौता लागू भी होगा.
सोमवार को त्रिपुरा के कुमारघाट में गृह मंत्री अमित शाह ने पब्लिक मीटिंग को संबोधित किया. अपनी इस मीटिंग के दौरान उन्होंने बीजेपी पार्टी (BJP Party) के द्वारा किए गए काम गिनाए.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि त्रिपुरा के आदिवासी इलाकों का विकास पार्टी के लिए हमेशा से प्राथमिकता रहा है.
उन्होंने कहा कि आदिवासियों की पहचान, इतिहास, भूमि अधिकार, राजनीतिक अधिकार, आर्थिक विकास, संस्कृति और भाषा से जुड़े मुद्दे को सुलझाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी.
उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में आदिवासी मंत्रालय (Tribal Welfare Ministry) को बजट से 24000 करोड़ मिलते थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इन 10 सालों में यह रकम बढ़ाकर 1,25,000 करोड़ कर दी है.
इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी दल पर शब्दों के कई प्रहार किए. गृह मंत्री अमित शाह ने सीपीआई(एम) और कांग्रेस की इंडिया गठबंधन पर आरोप लगाए.
उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों ने कभी भी किसी आदिवासी को उंच दर्जे में नहीं रखा. लेकिन हमारी पार्टी ने एक आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति बनाया.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि विपक्ष दलों ने कभी भी आदिवासियों के मुद्दे को तवज्जो नहीं दी है.
लेकिन बीजेपी पार्टी ने त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा पार्टी के साथ मिलकर त्रिपक्षीय एग्रीमेंट में हस्ताक्षर किए है.
आदिवासियों के इन मुद्दों को सुलझाने के लिए टिपरा मोथा पार्टी ने बीजेपी- आईपीएफटी पार्टी के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हो गई.
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में यह दावा किया कि पार्टी ने त्रिपुरा में पर्यटन, संचार, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास पर ध्यान दिया है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने आदिवासी इलाकों पर भी शांति कयाम रखने के लिए काम किया है. जिसके लिए हमारी पार्टी ने एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए है.
बीजेपी पार्टी की इस पब्लिक मीटिंग में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, बीजेपी अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्जी, टिपरा मोथा पार्टी के संस्थापक प्रद्योत किशोर देबबर्मा, और दोनों लोकसभा उम्मीदवार मौजूद थे.
त्रिपुरा पश्चिम और पूर्व के उम्मीदवार
त्रिपुरा पश्चिम सीट के लिए बीजेपी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को उम्मीदवार के रूप में उतारा गया है.
इनके खिलाफ कांग्रेस के पूर्व विधायक और अध्यक्ष आशीष कुमार साहा उम्मीदवार के रूप में उतरे हैं.
वहीं त्रिपुरा पूर्व सीट पर बीजेपी की तरफ से माणिक्य राजवंश की राजकुमारी और प्रद्योत किशोर की बड़ी बहन कृति देवी देबवर्मा दावेदार के रूप में उतरी है.
इनका मुकाबला सीपीआई (एम) के पूर्व विधायक राजेंद्र रियांग के साथ होगा.
बीजेपी और टिपरा गठबंधन की आलोचना
राज्य में लोकसभा चुनाव मिल कर लड़ रही बीजेपी और टिपरा मोथा के बीच दोस्ती बहुत नई है. त्रिपुरा के विधान सभा चुनाव 2023 में ये पार्टी आमने-सामने थीं.
टिपरा मोथा राज्य में मुख्य विपक्षी दल बन कर उभरा था. लेकिन लोकसभा चुनाव से तुरंत पहले टिपरा मोथा त्रिपुरा सरकार में शामिल हो गई.
इसके अलावा टिपरा मोथा और बीजेपी के बीच यह तय हुआ कि टिपरा मोथा का उम्मीदवार लोकसभा चुनाव बीजेपी के निशान यानि कमल के फूल पर लड़ेगा.
टिपरा मोथा ने बीजेपी के साथ सरकार में शामिल होने और मिल कर चुनाव लड़ने का आधार केंद्र सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौते को बताया है.
लेकिन राज्य में सीपीआई (एम) और कांग्रेस पार्टी ने इस समझौते की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि टिपरा मोथा ने आदिवासी हितों का सौदा किया है.
क्योंकि इस समझौते में ग्रेटर टिपरालैंड के नाम तक का ज़िक्र नहीं है. ग्रेटर टिपरालैंड टिपरा मोथा की मुख्य मांग थी.