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आदिलाबाद: जनजाति के लिए आरक्षित सीट पर ग़ैर आदिवासी वोटर फोकस में क्यों है

तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें है, जिनमें से 2 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित है. इन दो सीटों के नाम आदिलाबाद और महबूबाबाद है. आदिलाबाद सीट पर चौथे चरण यानी 13 मई को वोटिंग होगी.

तेलंगाना (Tribes of Telangana) की आदिलाबाद बेशक आदिवासियों के लिए आरक्षित लोकसभा सीट है. लेकिन यहां पर सभी प्रभावशाली पार्टियां यानि कांग्रेस (Congress), बीआरएस (BRS) और बीजेपी (BJP) चुनाव अभियान के दौरान गैर-आदिवासी मतदाताओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है.

तेलंगाना की आदिलाबाद सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. लेकिन आदिलाबाद सीट से सबसे ज्यादा मतदाता गैर आदिवासी समुदाय है.

आदिलाबाद में कुल मतदाता की जनसंख्या 16.5 लाख है. इनमें से लगभग  4.5 लाख मतदाता आदिवासी है. यानि यहां पर ग़ैर आदिवासी मतदाता लगभग 12 लाख हैं.

वहीं 2011 की जनगणना के मुताबिक आदिलाबाद ज़िले में 2.5 लाख गोंड आदिवासी हैं और 1.5 लाख लंबाडी (Lambadi tribe) रहते हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में आदिलाबाद सीट के लिए कांग्रेस, बीआरएस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है.

कांग्रेस ने अत्रम सुगुना, बीआरएस ने अतराम सक्कू और बीजेपी ने गोदान नागेश को उम्मीदवार के रूप में उतारा है.

ये सभी उम्मीदवार गैर आदिवासियों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. इस ज़िले के अंतर्गत दो विधानसभा सीटें खानापुर और आसिफाबाद भी आते हैं.

गैर आदिवासी समुदाय जैसे मुस्लिम, पिछड़े वर्ग और दलित की जनसंख्या आदिवासियों से काफी अधिक है. इनका प्रभाव सिर्फ आरक्षित सीटों पर नहीं बल्कि गैर आदिवासी सीटों पर भी पड़ता है.

पिछले विधानसभा चुनाव के नतीज़े

2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सात क्षेत्रों में से सिरपुर (टी), मुधोल, निर्मल और आदिलाबाद विधानसभा सीटें जीतीं थी. ये चारों सीटें सामान्य है.

वहीं कांग्रेस पार्टी ने केवल खानापुर सीट जीती थी. ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इसके अलावा बीआरएस ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित दो सीटें – आसिफाबाद और बोथ जीतीं थी.

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