HomeIdentity & Lifeत्रिपुरा: जमातिया ट्राइब के कस्टमरी लॉ और जीविका के ज़रूरी सवाल

त्रिपुरा: जमातिया ट्राइब के कस्टमरी लॉ और जीविका के ज़रूरी सवाल

जमातिया समुदाय अपने कस्टमरी लॉ के पालन में काफ़ी सख्‍ती दिखाता है. लेकिन नई पीढ़ी के लोग बीच बीच में समुदाय के कठोर नियमों को झटका देते हैं.

जमातिया आदिवासी समुदाय त्रिपुरा की जनजातीयों में एक बड़ा समूह है. इस समूह की कुल जनसंख्या करीब 80 हज़ार बताई जाती है.

यह समुदाय अपनी संस्कृति, परंपरा और भाषा को बचाने के प्रति सजग नज़र आता है. इस समुदाय में अभी भी कस्टमरी लॉ यानि परंपरागत और प्रथागत रूढ़ी कानूनों का पालन होता है.

जमातिया आदिवासी समुदाय में समाज के भीतर ही शादी ब्याह होते हैं. अपने समुदाय के बाहर शादी ब्याह को यह समाज स्वीकार करने में आज भी आना-कानी करता है.

इस समुदाय की धार्मिक आयोजनों में बाबा गोरिया की पूजा सबसे बड़ा होता है.

इस समुदाय का सर्वोच्च आदिवासी संगठन (apex tribal body)जमातिया होदा होता है. इस संगठन के चीफ़ को होदा चीफ़ कहा जाता है.

होदा चीफ़ कोई वंशानुगत पद नहीं है. समुदाय के लोग मिल कर होदा चीफ़ का चुनाव करते हैं. होदा चीफ़ को कई तरह के अनुशान का पालन करना पड़ता है.

जमातिया समुदाय मुख्यतः: खेतीहर समदुाय है. इस समुदाय की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. शिक्षा के क्षेत्र में भी जमातिया समाज की स्थिति बेहतर नहीं कही जा सकती है.

जमातिया समुदाय के बारे में यह ग्राउंड रिपोर्ट देख कर आप इस समुदाय को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं. रिपोर्ट देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें.

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