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मौत के बदले मौत, परिवार को ही मनोरोगी की हत्या के लिए किया गया मजबूर

इस पंचायत में मौजूद गाँव के बुजुर्गों ने यह फ़ैसला किया कि सिंगाना का परिवार ही उसकी हत्या कर दे. दो दिन तक पंचायत के लोगों ने परिवार पर दबाव बनाया और सिंगाना सबर को बंद करके रखा गया. आख़िर दो दिन बाद पंचायत के दबाव में सिंगाना के परिवार ने उसकी हत्या कर दी.

पुलिस ने सबर जनजाति के 16 लोगों को हत्या के जुर्म में गिरफ़्तार किया है. इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने अपने समुदाय के बुजुर्ग के आदेश पर 33 साल के एक व्यक्ति की हत्या कर दी.

जिस व्यक्ति की हत्या की गई है उस पर भी आरोप था कि उसने गाँव के एक बुजुर्ग की हत्या की थी. इस व्यक्ति को गाँव की पंचायत में बुजुर्गों ने हत्या का क़सूरवार ठहराया था.

इसके बाद पंचायत ने उसके लिए मौत की सज़ा मुक़र्रर कर दी थी. समाचार के मुताबिक़ इस सिलसिले में दो दिन तक लगातार पंचायत चली थी. 28 और 29 मई को हुई इस पंचायत में कम से कम 300 लोग मौजूद रहे.

इस मामले में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार जिस व्यक्ति की हत्या की गई है वो मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं था. एक शादी के दौरान उसकी पदमावती नाम की औरत से कुछ झड़प हो गई थी.

जब इस औरत के पिता झगड़ा शांत कराने के लिए बीच में आए तो इस व्यक्ति ने एक डंडे से उन्हें इतना पीट दिया कि उनकी मौत हो गई. यह मामला रेगुलापाडु गाँव का बताया गया है.

इस घटना के बाद हत्या करने वाले व्यक्ति को एक घर में बंद करके रखा गया. इस व्यक्ति का नाम सिंगाना सबर बताया जा रहा है. अगले दिन इस सिलसिले में पुलिस को सूचना देने की बजाए, समुदाय के नियमों के हिसाब से पंचायत बुलाई गई.

इस पंचायत में मौजूद गाँव के बुजुर्गों ने यह फ़ैसला किया कि सिंगाना का परिवार ही उसकी हत्या कर दे. दो दिन तक पंचायत के लोगों ने परिवार पर दबाव बनाया और सिंगाना सबर को बंद करके रखा गया. आख़िर दो दिन बाद पंचायत के दबाव में सिंगाना के परिवार ने उसकी हत्या कर दी.

इस बात की पुष्टि पालाकोंडा के पुलिस अधीक्षक एम श्रवणी ने एक प्रैस कॉंफ़्रेंस में की थी. इस पूरे मामले के जो डीटेल सामने आए हैं वो रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं. 

ख़बरों के अनुसार पंचायत ने यह फ़ैसला सुना दिया था कि जब तक कि सिंगाना को मौत के घाट नहीं उतारा जाएगा, तब तक उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाएगा, जिसकी हत्या सिंगाना ने की थी. 

पंचायत के आदेश के अनुसार सिंगाना के पिता और दो भाईयों ने पहले उसे चूहा मारने का ज़हर दिया, लेकिन सिंगाना बच गया. आख़िर पिता और उसके भाइयों ने पंचायत के दबाव में सिंगाना सबर का गला घोंट दिया.

इस मामले में पुलिस ने सिंगाना के पिता, भाइयों और पंचायत में शामिल कुल 16 लोगों को गिरफ़्तार किया है. इस पूरी कहानी में एक सबसे बड़ा मसला ये है कि दो दिन तक एक मानसिक रूप से अस्वस्थ आदमी की हत्या की योजना बनती रही, लेकिन पुलिस को पता नहीं चला.

इसके अलावा यह भी बड़ा सवाल है कि आदिवासियों ने ख़ुद ही फ़ैसला क्यों किया? इस मामले में पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी गई. इसकी कई वजहों में से एक वजह यह भी है कि अभी भी देश की पुलिस और न्याय व्यवस्था आदिवासियों का भरोसा नहीं जीत पाई है. 

सबर जनजाति को पीवीटीजी की श्रेणी में रखा गया है. यानि यह आदिवासी समुदाय विशेष रूप पिछड़ा और कमज़ोर माना जाता है.

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