HomeAdivasi Dailyत्रिपुरा : BJP उपाध्यक्ष ने टिपरा मोथा प्रमुख पर आदिवासियों के बीच...

त्रिपुरा : BJP उपाध्यक्ष ने टिपरा मोथा प्रमुख पर आदिवासियों के बीच ‘नफरत’ फैलाने का लगाया आरोप

टिपरा मोथा ने जमातिया की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन भाजपा ने पार्टी की राज्य उपाध्यक्ष के बयान से किनारा कर लिया है.

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दूसरे चरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) की त्रिपुरा इकाई की उपाध्यक्ष पाताल कन्या जमातिया (Patal Kanya Jamatia) ने पार्टी सहयोगी टिपरा मोथा (Tipra Motha) के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा (Pradyot Kishore Manikya Debbarma) पर राज्य में आदिवासियों के बीच नफरत फैलाने का आरोप लगाया है.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि टिपरा मोथा राजनीति के नाम पर आदिवासियों को धोखा दे रही है. जमातिया ने कहा कि अगर प्रद्योत ने माफी नहीं मांगी तो आदिवासी लोग क्षेत्रीय दल को समर्थन नहीं देंगे.

जमातिया की टिप्पणी त्रिपुरा ईस्ट लोकसभा सीट पर शुक्रवार को होने जा रहे मतदान से पहले आयी है. इस सीट पर प्रद्योत की बहन कीर्ति देवी देबबर्मा (Kriti Devi Debbarman) भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं.

भाजपा नेता जमातिया ने बुधवार रात को कहा, ”प्रद्योत ने न सिर्फ आदिवासियों और गैर आदिवासी लोगों के बीच बल्कि त्रिपुरी, जमातिया और रियांग जैसे अलग-अलग समुदायों से जुड़े लोगों के बीच भी नफरत फैलानी शुरू कर दी है.”

टिपरा मोथा ने जमातिया की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन भाजपा ने पार्टी की राज्य उपाध्यक्ष के बयान से किनारा कर लिया है.

केंद्र और राज्य सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद टिपरा मोथा मार्च में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल हो गई थी. टिपरा मोथा ने पिछले साल 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 13 सीट जीती थीं.

जमातिया ने पिछले साल गुमती जिले के अम्पीनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गईं थीं.

उन्होंने आरोप लगाया, ”प्रद्योत ने भाजपा नेताओं पर व्यक्तिगत हमले शुरू कर दिए हैं. अगर वह पार्टी (भाजपा) को नष्ट करने की कोशिश करेंगे तो हम उन्हें बाहर का रास्ता दिखा देंगे. वह एक एजेंट हैं.”

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा, ”यह उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी है. पार्टी इस बयान को दृढ़ता से अस्वीकार करती है. पार्टी नेतृत्व ने इसे काफी गंभीरता से लिया है. उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा. हमारी राज्य इकाई के अध्यक्ष (राजीव भट्टाचार्जी) जमातिया से जवाब मिलने के बाद कार्रवाई पर फैसला करेंगे.”

बीजेपी राज्य की दोनों लोकसभा सीट जीतेगी

वहीं राजीव भट्टाचार्य ने रविवार को कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने सत्ता हासिल करने के लिए हाथ मिलाया है लेकिन लोग उन्हें नकार देंगे.

भट्टाचार्य ने दावा किया कि उनकी पार्टी राज्य की दोनों लोकसभा सीट जीतेगी.

उन्होंने कहा, “त्रिपुरा में टिपरा मोथा के भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने से हम दोनों लोकसभा सीट पर सहज अंतर से जीत हासिल करने के लिए आश्वस्त हैं. हम लोकसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को हराने के लिए काम कर रहे हैं.”

भाजपा ने त्रिपुरा पश्चिम सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब और त्रिपुरा पूर्व सीट पर टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत देबबर्मा की बहन कृति देवी देबबर्मा को मैदान में उतारा है.

भट्टाचार्य ने राज्य में माकपा और कांग्रेस सरकारों के दौरान हुए अपराधों का विवरण देते हुए एक दस्तावेज़ जारी किया और कहा कि लोग माकपा-कांग्रेस गठबंधन को नकार देंगे, जैसा कि 2023 और 2018 में हुआ था.

उन्होंने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार साम्यवादी विचारधारा से भटक गए हैं क्योंकि वह लोगों से त्रिपुरा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार आशीष कुमार साहा के लिए वोट करने का आग्रह कर रहे हैं. यह चार बार के मुख्यमंत्री के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.”

भट्टाचार्य ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि माकपा ने लोकतंत्र, निर्वाचन क्षेत्र और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाया है. उनका कहना है कि उन्होंने सत्ता हासिल करने के लिए हाथ मिलाया है लेकिन चुनाव में लोग उन्हें नकार देंगे.

आदिवासियों ने पीने के पानी की मांग को लेकर सड़कें की जाम

जहां एक तरफ त्रिपुरा में राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है वहीं दूसरी तरफ राज्य के कई गांवों के निवासियों ने पीने के पानी की मांग को लेकर सड़कें अवरुद्ध कर दी हैं.

अत्यधिक गर्मी की लहर के कारण दूरदराज के गांवों में पानी की कमी हो गई है, जो ज्यादातर त्रिपुरा आदिवासी स्वायत्त जिला परिषद के अधिकार क्षेत्र में हैं.

पानीसागर उपखंड के अंतर्गत थुंगचराई में निवासियों ने धमकी दी है कि अगर उनके गांव को तुरंत पीने का पानी नहीं मिला तो वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

गंदे पानी से निवासियों को डायरिया और दूसरी जलजनित बीमारियों का खतरा है.

आदिवासी स्वायत्त जिला परिषद के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि प्रभावित गांवों में पानी के टैंकर भेजने की व्यवस्था की गई है. गर्मियों के दौरान पहाड़ी और दूरदराज के गांवों में अक्सर पानी की भारी कमी हो जाती है.

वहीं राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के सहयोग से इन दूर-दराज के क्षेत्रों का दौरा करने और जलजनित बीमारियों से पीड़ित लोगों को आपातकालीन उपचार प्रदान करने के लिए चिकित्सा टीमों का गठन कर रहा है.

चुनाव से पहले पार्टियां जीत हार का दावा कर रही हैं लेकिन असल मुद्दों की बात कोई नहीं कर रहा है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments