महाराष्ट्र में सभी आदिवासी गांवो या बस्तियों को मुख्य मार्ग से जोड़ने की योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत राज्य के 17 ज़िलों की आदिवासी बस्तियों या गांवों को मुख्यमार्ग से जोड़ा जाएगा.
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बजट पेश करते हुए इस योजना का ज़िक्र किया था. अब महाराष्ट्र सरकार इस योजना की शुरुआत कर रही है.इस योजना का नाम है भग्वान बिरसा मुंडा जोड़ा रास्ते रखा गया है. अगर यह योजना पूरी तरह से लागू हो जाती है तो अनसूचित जनजाति के लोगों को इससे बड़ा फ़ायदा हो सकता है.
क्या है भग्वान बिसरा मुंडा जोड़ा रास्तें योजना
जैसा की इसके नाम से ही समझ में आता है यह महाराष्ट्र के जनजाति क्षेत्रों को मुख्य रास्तें से जोड़ने का काम करेगी. यह योजना महाराष्ट्र के 17 जिलों में लागू की जाएगी। वही इस योजना में सरकार 5000 करोड़ खर्च कर सकती है . महाराष्ट्र के जनजाति क्षेत्रों को जोड़ने के लिए इसमें 6,838 किलोमीटर की लंबी सड़क बनाई जाएगी.
जनजाति लोगो को मिलेगा लाभ
अक्सर जनजाति क्षेत्रों के लोग, स्कूल और अस्पताल जैसी न्यूनतम ज़रूरतों से भी वंचित रहते हैं. इसका एक मुख्य कारण ये भी है कि यह क्षेत्र अकसर मुख्य रास्तें से जुड़े हुए नहीं होते हैं. यही वज़ह है कि यह योजना जनजाति लोगों के लिए आने वाले समय में काफी मददगार साबित होगी.
महाराष्ट्र सहित देश के ज़्यादातर राज्यों में आदिवासी जंगल और पहाड़ों में बसे हुए हैं. इन इलाकों में अक्सर पक्की सड़कें नहीं होती हैं. इसलिए आवागमन बेहद मुश्किल रहता है. आवागमन की सुविधा ना होने की वजह से शिक्षा,स्वास्थ्य और अन्य सुविधाएं इन आदिवासियों तक नहीं पहुंच पाती हैं.
ख़ासतौर से बरसात के मौसम में स्थिति और भी ज़्यादा ख़राब हो जाती है. क्योंकि पक्की सड़क के अभाव में आपातकाल में किसी मरीज को अस्पताल तक पहुंचाना भी मुश्किल हो जाता है.