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ओडिशा: अफ़सरों की लापरवाही से हज़ारों आदिवासी छात्रों की उच्च शिक्षा पर ख़तरा

कई ग़रीब और आदिवासी छात्रों को डर है कि इग्नू का इकलौता केंद्र बंद हो जाएगा. आदिवासी युवाओं का कहना है कि अधिकारियों की बेरुखी की वजह से उनका भविष्य ही ख़तरे में पड़ रहा है.

ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले का इकलौता इंदिरा गांधी नैशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) का स्पेशल स्टडी सेंटर, जो मलकानगिरी कॉलेज से चलाया जाता है, जल्द ही बंद हो सकता है. इससे राज्य के हज़ारों ग़रीब आदिवासी छात्र मुश्किल में पड़ जाएंगे.

मलकानगिरी कॉलेज के अधिकारियों ने कथित तौर पर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) के मानदंडों के अनुसार इस स्पेशल स्टडी सेंटर को एक रेगुलर सेंटर में बदलने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ जमा नहीं किए हैं.

यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अब स्पेशल स्टडी सेंटरों की जगह सिर्फ़ रेगुलर सेंटर ही होंगे.

कोरापुट स्थित इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ बी राजगोपाल ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इन दिशा-निर्देशों के तहत मलकानगिरी में इग्नू केंद्र को एक रेगुलर स्टडी सेंटर में बदला जाना है. इसके लिए ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट और आवेदन फ़ॉर्म का ढांचा पहले ही कॉलेज को भेजा जा चुका है.

कॉलेज ने अगर ज़रूरी दस्तावेज़ दाखिल नहीं किए, तो इग्नू इस सेंटर को बंद कर देगा.

मलकानगिरी कॉलेज के प्रिंसिपल और स्पेशल स्टडी सेंटर के समन्वयक द्वारा MoU सहित दूसरे डॉक्यूमेंट कोरापुट में इग्नू क्षेत्रीय केंद्र को जमा नहीं किए गए हैं. 8 सितंबर पेपर जमा करने की आखिरी तारीख थी.

कई ग़रीब और आदिवासी छात्रों को डर है कि इग्नू का इकलौता केंद्र बंद हो जाएगा. आदिवासी युवाओं का कहना है कि अधिकारियों की बेरुखी की वजह से उनका भविष्य ही ख़तरे में पड़ रहा है.

इग्नू के इस केंद्र ने ग़रीब आदिवासी छात्रों को डिस्टेंट लर्निंग मोड में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद की है. अगर मलकानगिरी कॉलेज में रेगुलर सेंटर खुल जाता है तो इन्हें ज़्यादा फ़ायदा होगा. मलकानगिरी कॉलेज में इग्नू केंद्र 2001-2002 से चल रहा है.

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