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कांग्रेस अल्पसंख्यक तुष्टीकरण में डूबी रही, मोदी सरकार आदिवासियों, दलितों और गरीबों की सरकार: अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए जल, जंगल और जमीन के अधिकार की सिर्फ बातें की, लेकिन मोदी ने जल, जंगल और जमीन के साथ सुरक्षा, सम्मान और समावेशी विकास को जोड़कर आदिवासियों का कल्याण किया.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस पर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण में डूबे रहने का आरोप लगाया और कहा कि इसके विपरीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आदिवासियों, दलितों, गरीबों और पिछड़े वर्गों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करती है.

अमित शाह ने मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र के मंडला में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की तिजोरी पर सबसे पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है. कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यकीकरण में डूबी रही. लेकिन जब साल 2014 में नरेन्द्र मोदी सत्ता में आए तो उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और गरीबों की सरकार है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक ओर कांग्रेस कहती है कि देश की तिजोरी पर सबसे पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है. वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि देश के खजाने पर हमारे आदिवासियों एवं गरीबों का अधिकार है.’’

शाह ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए जल, जंगल और जमीन के अधिकार की सिर्फ बातें की, लेकिन मोदी ने जल, जंगल और जमीन के साथ सुरक्षा, सम्मान और समावेशी विकास को जोड़कर आदिवासियों का कल्याण किया.

अमित शाह ने कहा कि नौ साल में पीएम मोदी ने बहुत बदलाव किए. कांग्रेस जल, जंगल और जमीन की रक्षा की बात करती रही जबकि मोदी सरकार ने जल-जंगल-जमीन के साथ आदिवासियों के समावेशी विकास को भी जोड़ा.

उन्होंने छूटी हुई 23 जातियों को आदिवासी जातियों में जोड़ा. बिरसा मुंडा जयंती की शुरुआत की. देशभर में 10 जगहों पर आदिवासी जननायकों के संग्रहालय बनाए. देश में पहली बार कोई आदिवासी महिला राष्ट्रपति के पद पर पहुंची.

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकारें गांव, गरीब, महिलाओं के उत्थान, बेटियों को आगे बढ़ाने की सरकार है. भारत की छवि सुधारने वाली सरकारें हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज कमलनाथ और मिस्टर बंटाधार (दिग्विजय सिंह) से पूछने आया हूँ… जब कांग्रेस की सरकार थी तब आदिवासी कल्याण के लिए बजट कितना था?’’

शाह ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार में आदिवासियों के लिए 24,000 करोड़ रुपये का बजट था, जबकि मोदी सरकार ने 1.19 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वर्षों तक देश पर राज किया लेकिन किसी आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति नहीं बनाया. जबकि मोदी और भाजपा ने गरीब परिवार की बेटी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का काम किया है.

शाह ने कहा, ‘‘आज हम जनजाति समाज से आशीर्वाद मांगने आए हैं. मिस्टर बंटाधार (दिग्विजय सिंह) मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य बनाकर छोड़ गए थे. 20 साल में भाजपा के तीन मुख्यमंत्रियों ने विशेषकर हमारे शिवराज सिंह चौहान ने इसे बेमिसाल प्रदेश बनाने का काम किया है.’’

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने आदिवासी भाई-बहनों के लिए पेसा कानून को धरातल पर उतारा है.

शाह ने कहा कि आदिवासी कल्याण के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक नया रास्ता पूरे देश को दिखाया है.

बीजेपी के एजेंडे में टॉप पर आदिवासी

मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी ने मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. पिछले तीन दिनों से एक बाद एक बीजेपी के बड़े नेता राज्य का दौरा कर चुनावी बिगुल फूंकने में जुटे हैं.

पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, उसके बाद केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अब अमित शाह मध्य प्रदेश के दौरे पर पहुंच रहे हैं. पिछले तीन दिनों में बीजेपी के तीन बड़े नेता मध्य प्रदेश में पहुंचकर चुनावी माहौल को बनाने की स्ट्रेटेजी में जुटे हैं.

अमित शाह बुधवार को मंडला से बीजेपी की जनआशीर्वाद यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे और इस तरह से आदिवासी समुदाय को साधने का जिम्मा अमित शाह ने खुद संभाल रखा है और अपना पूरा फोकस आदिवासी बेल्ट पर लगा रखा है.

मंडला में वीरांगना रानी दुर्गावती की शौर्य से अमित शाह जन-आशीर्वाद यात्रा को रवाना करेंगे. इस दौरान एक चुनावी जनसभा को भी संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, भूपेंद्र यादव, भग्गन सिंह कुलस्ते, प्रह्लाद पटेल सहित कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे. इसके अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, नरोत्तम मिश्रा सहित राज्य के दर्जन भर मंत्री उपस्थित रहेंगे.

बीजेपी की तीसरी जन-आशीर्वाद यात्रा को अमित शाह श्योपुर और मंडला से रवाना किया. यह दोनों ही जिले आदिवासी बहुल हैं. जन आशीर्वाद यात्रा आदिवासी बहुल जिलों से गुजरेगी और विंध्य-महाकौशल की 87 सीटों को सीधे कवर करेगी.

मंडला से भोपाल तक यह जन-आशीर्वाद यात्रा 10 जिलों के 45 विधानसभा सीटों से होते हुए गुजरेगी. श्योपुर से भोपाल तक जन-आशीर्वाद यात्रा 11 जिलों की 42 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी. इस तरह से बीजेपी ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए जन आशीर्वाद यात्रा का सियासी तानाबाना बुना है.

मध्य प्रदेश की सियासत में आदिवासी और दलित मतदाता काफी अहम हैं. जो किसी भी पार्टी का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं. आदिवासी-दलित समुदाय के साधने का जिम्मा पीएम मोदी और अमित शाह ने संभाल रखा है.

पीएम मोदी ने अभी तक जो भी रैलियां की है, वो आदिवासी या फिर दलित बहुल इलाके में हुई हैं. इसी तरह से अमित शाह के ज्यादातर दौरे आदिवासी और दलित समुदाय इलाके के ही रहे हैं. 2018 के चुनाव में आदिवासी समुदाय की पहली पसंद कांग्रेस बनी थी. इसीलिए अमित शाह ने आदिवासियों को साधने का जिम्मा खुद अपने हाथों में ले रखा है.

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