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आंध्र प्रदेश: आदिवासियों को दिया चार साल पहले पक्की सड़क का वादा अब तक नहीं हुआ पूरा

आदिवासियों का प्रशासन पर आरोप कि उसने गांव के लोगों की बनाई हुई सड़क को इस वादे के साथ तोड़ दिया कि जल्दी ही नई सड़क का निर्माण होगा. लेकिन 4 साल बीत गए, स्थिति जस की तस है. अब गांव वालों के पास अपनी बनाई टूटी फूटी सड़क भी नहीं है.

रविवार को अल्लूरी सीतारामा राजू ज़िले (Alluri Sitarama Raju District) के आदिवासियों (Tribe of Andhra Pradesh) ने ‘डोली यात्रा’ के रूप विरोध प्रदर्शन किया.

ज़िले के 9 आदिवासी बस्तियों के लोगों को चार साल पहले यह आश्वासन दिया गया था की उनके लिए 22 किलोमीटर की पक्की सड़क बनाई जाएगी.

आदिवासियों का ये आरोप है की प्रशासन ने पक्की सड़क (Road connectivity) बनाने के लिए गाँव वासियों द्वारा बनाई गई सड़क को भी तोड़ दिया. लेकिन 2021 के बाद से सड़क निर्माण का कार्य ठप पड़ा है.  

आदिवासों ने करीब 4 किलोमीटर तक यह डोली यात्रा (Doli Yatra Protest ) निकाली है.

प्रदर्शनकारियों ने यह भी चेतवानी दी कि अगर रोड बनाने का कार्य जल्द ही शुरू नहीं किया गया तो वह आईटीडीए (Integrated Tribal Development agency) के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

क्या है पूरा मामला

अल्लूरी सीतारामा राजू ज़िले की 9 आदिवासी बस्ती में 300 पीवीटीजी (अति पिछडे वर्ग) परिवार रहते हैं.

इन 9 आदिवासी बस्ती में अगाडालामिडी, चतकम्बा, पुतुकुतापुट, चेडिमेत्तू, बोनूर इत्यादि शामिल हैं.

इन बस्तियों की सड़क बनाने के लिए विशाखापत्तनम ज़िले के कलेक्टर ने 1 कोरड़ 65 लाख 4 हज़ार 500 रूपये आवंटित किए थे.

आदिवासियों का आरोप है जब आईटीडीए के पीओ सड़क निर्माण के कार्य का निरीक्षण करने आए थे, तब से ही काम ठप है.   

गर्भवती या बीमार व्यक्ति को डोली के सहारे 20 किलोमीटर दूर पीनी कोटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  ले जाया जाता है और कभी कभी बीमार व्यक्ति की रास्ते में ही मौत हो जाती है.

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