HomeAdivasi Dailyहेमंत सोरेन: आदिवासियों पर निशाना साध रही भाजपा सरकार

हेमंत सोरेन: आदिवासियों पर निशाना साध रही भाजपा सरकार

हेमंत 23 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की के लिए प्रचार करने के लिए सोमवार शाम रांची जिले के मंदार विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित कर रहे थे.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर विपक्ष के आदिवासी नेताओं को निशाना बनाने का रोप लगाया है. सोरेन ने कहा है कि केंद्र सरकार आदिवासी नेताओं के ख़िलाफ़ संघीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. उदाहरण के तौर पर उन्होंने बंधु तिर्की का नाम लिया है, जिन्हें सोरेन ने “बेचारा (असहाय)” बताया.

हेमंत 23 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की के लिए प्रचार करने के लिए सोमवार शाम रांची जिले के मंदार विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. शिल्पी पूर्व विधायक बंधु तिर्की की बेटी हैं.

बंधु तिर्की ने 2019 में यह सीट जीती थी. इस साल की शुरुआत में रांची में सीबीआई अदालत द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था, इसीलिए अब यहां उपचुनाव हो रहा है.

शिल्पी का मुकाबला बीजेपी के गंगोत्री कुजूर और एआईएमआईएम के देव कुमार धन से है.

बंधु तिर्की ने राज्य के गठन के बाद से मंदार निर्वाचन क्षेत्र में लगभग सभी चुनाव जीते हैं, सिर्फ़ 2014 को छोड़कर जब गंगोत्री कुजूर भाजपा के टिकट पर जीते थे.

हेमंत सोरेन पर खुद लाभ के पद (Office of profit) के आरोप के बाद अयोग्य ठहराए जाने का ख़तरा मंडरा रहा है.

सोरेन ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी अभी भी 2019 के विधानसभा चुनावों में अपनी हार को पचा नहीं पा रही है.

“डबल-इंजन सरकार (पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास द्वारा केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) ने ऐसा कहर पैदा किया और राज्य को इतने निचले स्तर पर ले गई कि लोगों ने उन्हें 2019 में सबक सिखाया. हमने तब से लेकर अब तक तीन उपचुनावों का सामना किया है – बेरमो, दुमका और मधुपुर – और जीतकर आए हैं, अब मंदार की बारी है. भाजपा हार को पचा नहीं पा रही है और लोकप्रिय आदिवासी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है. बेचारे बंधु तिर्की जी, जो 2019 में आपके वोट से चुने गए थे, वे भी ऐसे निशाने के शिकार हैं. अपनी बेटी को विजयी बनाकर भाजपा के मंसूबे को विफल करना अब आप की ज़िम्मेदारी है,” हेमंत सोरेन ने रैली में कहा.

सोरेन ने सोमवार को ही मंदार के चान्हो ब्लॉक में सिलागई और मदरसा चौक पर भी रैलियों को संबोधित किया.

भाजपा के आदिवासी नेता गंगोत्री कुजूर पर कटाक्ष करते हुए हेमंत ने आदिवासियों को भगवा पार्टी के मंसूबे को पहचानने की सलाह दी.

“उन्हें पता है कि वो आदिवासी समर्थन के बिना सत्ता में नहीं आ सकते हैं, और अब वे आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासी नेताओं को हमारे वोटों को विभाजित करने के लिए लुभा रहे हैं. उनके गेम प्लान को पहचानें. वो सिर्फ़ खनिज संसाधनों को लूटना चाहते हैं और कॉर्पोरेट के खजाने को भरना चाहते हैं. उन्होंने लगभग सभी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को निजी कंपनियों को बेच दिया है, और वह दिन दूर नहीं जब वे देश को भी बेच देंगे,” हेमंत सोरेन ने कहा.

हेमंत ने कोविड महामारी से पैदा हुई बाधाओं के बावजूद अपीन सरकार की ढाई साल की उपलब्धियों की भी बात की.

“जब से हम 2019 दिसंबर में सत्ता में आए, हमने महामारी की चुनौती का सामना किया, लेकिन बड़े और विकसित राज्यों की तुलना में इसे बेहतर तरीके से मात देने में कामयाब रहे. गरीबों के लिए 10 रुपये में यूनिवर्सल पेंशन और धोती-साड़ी जैसी कई लोकप्रिय योजनाएं शुरू कीं. हम आपके दरवाजे पर सरकार के माध्यम से पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं के साथ पहुंचे. लेकिन जब भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने हमारे कल्याणकारी उपायों को देखा, तो उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके हमें परेशान करना शुरू कर दिय. चिंता न करें, हम आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, और हम इसे उनके सामने भी यही करेंगे,” सोरेन ने कहा.

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