HomeAdivasi DailyIIT हैदराबाद के प्रतिभाशाली आदिवासी छात्र ने की आत्महत्या

IIT हैदराबाद के प्रतिभाशाली आदिवासी छात्र ने की आत्महत्या

जेईई मेन्स और एडवांस्ड परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले मेधावी छात्र धनवथ ने अपने इंजीनियरिंग के सपने को पूरा करने के लिए आईआईटी हैदराबाद को चुना था.

आईआईटी हैदराबाद के एक आदिवासी छात्र के आत्महत्या का मामला सामने आया है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी हैदराबाद के 20 वर्षीय छात्र ने समुद्र में कूदकर आत्महत्या कर ली.

पुलिस ने मंगलवार को कहा कि आईआईटी-हैदराबाद के छात्र धनवथ कार्तिक ने कथित तौर पर यहा समुद्र में कूदकर अपनी जान दे दी. मछुआरों की मदद से उसका शव बरामद कर लिया गया है.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मछुआरों की मदद से 20 जुलाई को उसका शव बरामद किया गया, जिसकी पहचान आईआईटी हैदराबाद के छात्र धनवथ कार्तिक के रूप में हुई है. 

पुलिस ने कहा कि धनवथ कार्तिक 19 जुलाई के आसपास समुद्र में डूब गया होगा. क्योंकि जांच के दौरान यह पाया गया कि पीड़ित का सेल फोन आखिरी बार 19 जुलाई को विशाखापत्तनम के रामकृष्ण बीच (आरके बीच) पर था और सीसीटीवी फुटेज के अनुसार उसे समुद्र तट के खतरे वाले क्षेत्र की ओर जाते हुए देखा गया था.

पुलिस जांच से पता चला कि धनवथ तेलंगाना के नलगोंडा जिले का रहने वाला था. पुलिस के मुताबिक, धनवथ ने 17 जुलाई को हैदराबाद छोड़ दिया था क्योंकि वह परीक्षाओं में बैक क्लियर न कर पाने से परेशान था.

जेईई मेन्स और एडवांस्ड परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले मेधावी छात्र धनवथ ने अपने इंजीनियरिंग के सपने को पूरा करने के लिए आईआईटी हैदराबाद को चुना था. हैदराबाद में ही बीटेक अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही उनकी बहन सात्विका ने कहा कि वह अपने स्कूल के दिनों से ही एक प्रतिभाशाली छात्र था.

सात्विका ने कहा, “उन्होंने इंटरमीडिएट में 954 अंक हासिल किए और एसएससी परीक्षा में 10 परसेंटाइल अंक हासिल किया था. उन्होंने प्रतिष्ठित आईआईटी में प्रवेश पाकर हमारे छोटे से गांव वाटर टैंक टांडा को गौरवान्वित किया था. उन्हें जेईई मेन्स में 133वीं रैंक और जेईई एडवांस्ड एंट्रेंस में 214वीं रैंक मिली थी.”

सात्विका ने कहा कि कार्तिक ने अपने कॉलेज लाइफ के बारे में कुछ भी नहीं बताया था. सिर्फ इतना पता था कि वो इस बात से परेशान थे कि वह एक विषय में फेल हो गए थे. पिछले महीने वह सिर्फ दो दिनों के लिए घर आए थे और हमें कुछ भी गलत नहीं लगा.

कार्तिक के पिता उमला नाइक नलगोंडा में लेक्चरर हैं जबकि मां सैदम्मा सूर्यापेट जिले में एक टीचर के यहां काम करती हैं. वाटर टैंक टांडा नलगोंडा जिले के मिर्यालगुडा डिवीजन में 100 घरों और 600 की आबादी वाला एक गांव है.

मृतक छात्र कार्तिक 19 जुलाई को हॉस्टल से लापता हो गया था. कथित तौर पर उसके मोबाइल का आखिरी बार सिग्नल आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक समुद्र तट पर पाया गया था.

हालांकि, छात्रों के लिए छुट्टियां घोषित कर दी गई थीं लेकिन कार्तिक ने अपने बैकलॉग पेपर की पढ़ाई के लिए हॉस्टल में रहने की अनुमति के लिए आवेदन किया था. कार्तिक ने परिजनों को बताया भी था कि वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा है.

सात्विका ने कहा कि उन्होंने और उनके पिता ने 17 और 18 जुलाई को भी उनसे बात की थी लेकिन 19 जुलाई को वे उनसे संपर्क नहीं कर पाए.

चिंतित परिवार के सदस्य संगारेड्डी पहुंचे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पूछताछ के दौरान संगारेड्डी जिला पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि वह 17 जुलाई को ही आईआईटी छोड़कर विशाखापत्तनम जाने वाली ट्रेन में चढ़ गया था.

सेल फोन सिग्नलों से उसे समुद्र तट पर खोजा गया लेकिन समुद्र तट से उसकी वापसी दर्ज नहीं की गई. संगारेड्डी से तीन टीमें वहां गईं और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर उसकी तलाश की.

पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है. मंगलवार देर शाम कार्तिक का पार्थिव शरीर टांडा लाया गया जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments