HomeAdivasi Dailyमहाराष्ट्र: आदिवासियों की ज़मीन से अवैध फ़ार्म हाउस हटाए गए

महाराष्ट्र: आदिवासियों की ज़मीन से अवैध फ़ार्म हाउस हटाए गए

1978 में सरकार द्वारा 23 भूमिहीन आदिवासियों को 80 एकड़ भूमि दी गई थी. हालांकि इस ज़मीन पर बार-बार कब्जा कर लिया जाता है.

सोमवार को महाराष्ट्र (Tribes of Maharashtra) के ठाणे ज़िले में प्रशासन ने आदिवासी ज़मीन पर कब्ज़ा (Land Encroachment) करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है.

ठाणे ज़िले के राहुरी गाँव में सरकार द्वारा 1978 में 23 भूमिहीन आदिवासियों को 80 एकड़ ज़मीन दी गई थी.

लेकिन इस ज़मीन पर आदिवासी ज्यादा समय तक नहीं रहे पाए. आदिवासियों की ज़मीन पर बार बार कब्जा होता रहा. इनकी ज़मीन पर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग, फार्म हाउस बनाए दिए गए हैं.

अब सरकार ने इन्हीं बिल्डिंग को गिराकर, आदिवासियों को उनकी ज़मीन लौटाने का फैसला किया है.

भिवंडी तालुका के तहसीलदार, अभिजीत खोले ने बताया की राहुरी गाँव के पडघा में आदिवासियों की ज़मीन को अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया और यहां पर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बना दी गई है.

अभी तक सरकार द्वारा 17 आदिवासियों को उनकी ज़मीन वापस कर दी गई है.

उन्होंने आगे बताया की ज़मीन के अन्य 6 आदिवासी मालिकों को ढूंढा जा रहा है और जल्द ही उन्हें भी उनकी ज़मीन सौंप दी जाएगी.

अवैध भूमि जब्त मामले से गैर सरकारी संगठन, श्रमजीवी ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस को कई बार अवगत करवाया था.

श्रमजीवी के संस्थापक विवेक पंडित ने कई बार सरकार के अलग-अलग विभाग से इस मसले को लेकर बात की.

जिसके बाद उपमुख्यमंत्री ने ज़िला प्रशासन को यह आदेश दिया की वह इस मामले की जांच करे.

ज़िला प्रशासन ने बताया की अब तक 23 में से 16 आदिवासी मालिकों को उनकी ज़मीन सौंप दी गई है.

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