HomeAdivasi Dailyछत्तीसगढ़: प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले गूंजा प्रधानमंत्री वापस जाओ का...

छत्तीसगढ़: प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले गूंजा प्रधानमंत्री वापस जाओ का नारा, 3 अक्टूबर को बस्तर बंद रहा

छत्तीसगढ़ में चुनाव आने वाले हैं. इस सिलसिले में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के राष्ट्रीय नेता राज्य में दौरा कर रहे हैं. बीजेपी की तरफ से आज प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में पहुंचे. लेकिन यहां के एक आदिवासी संगठन ने उनके कार्यक्रम के दिन ही बस्तर बंद का आह्वान किया है.

जब सरकार लोगों की मांगे पूरी नहीं करती है. तब लोग सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए अक्सर आंदोलन के तहत शहर बंद करते है. यह सामान्य बात है.

लेकिन आज जो बस्तर बंद का ऐलान है वह ख़ास बन गया है क्योंकि इसको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे का विरोध माना जा रहा है.

यहां प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले बस्तर के लोगों ने कल यानी 2 अक्टूबर सोमवार को रैली प्रदर्शन करने के साथ-साथ आज यानी 3 अक्टूबर मंगलवार को बस्तर बंद का ऐलान किया है.

पूरा मामला

दरअसल कल यानी सोमवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में सर्व आदिवासी समाज ने आज यानी 3 अक्टूबर मंगलवार को प्रधानमंत्री के जगदलपुर शहर के दौरे से पहले बस्तर बंद का ऐलान किया था.

इसके साथ ही कल सर्व आदिवासी समाज ने गावं-गांव जाकर इस बात की सूचना लोगों को देने का दावा किया है.

इसके अलावा तीन चरणों में रैली निकाल कर और अपनी चार मांगों को लेकर नगरनार स्टील प्लांट के सामने धरना प्रदर्शन भी किया था.

इस विरोध रैली प्रदर्शन में सर्व आदिवासी समाज ने पहले चरण में मोटरसाइकिल में सवार होकर, दूसरे चरण में चार पहिया वाहन पर सवार होकर और तीसरे चरण में बस में सवार होकर पूरे ज़िले में रैली निकाली.

यह रैली सर्व आदिवासी समाज, ओबीसी महासभा और पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के संयुक्त तत्वाधान ने मिलकर निकाली थी.

2 तारीख को रैली और 3 तारीख को शहर बंद का कारण

सर्व आदिवासी समाज ने रैली और बस्तर बंद अपनी मागें पूरी करने के लिए कि है. क्योंकि इन लोगों की चार मांगें है. जो की सरकार ने अभी तक पूरी नहीं की है.

सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने उन चार मांगों के बारे में बताया जो की नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का विरोध, एन.एम.डी.सी यानी राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC- National Mineral Development Corporation) का मुख्यालय बस्तर में होना, स्थानीय लोगों की भर्ती और जातिगत जनगणना कराने की मांग आदि है.

बस्तर बंद का असर

इस बंद का असर जरुर देखने को मिलेगा. लेकिन प्रकाश ठाकुर ने बताया कि शैक्षणिक संस्था, आपातकालीन सेवा और आवागमन आदि का इस बंद पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

इस बंद में सिर्फ व्यापारिक संस्थाने को ही बंद रखा जाएगा.

सर्व आदिवासी समाज की प्रधानमंत्री से मिलने की मांग

जहां एक तहफ सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने मंगलवार को बस्तर बंद का ऐलान किया है. जिसका सर्मथन बस्तर चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स औऱ कांग्रेस पार्टी कर रहे है.

वहीं दूसरी ओर प्रकाश ठाकुर ने भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप के द्वारा एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण नहीं होने देने के बयान पर कहा कि हम लोगों केदार कश्यप और प्रधानमंत्री को भी यही बात बोलने पर विश्वास नहीं करेंगे.

बल्की सर्व आदिवासी समाज की यह मांग है कि उनका समाज प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी बातें उनके सामने रखना चाहता है और यह स्पष्ट करना चाहते है कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं हो.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments