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मणिपुर: आदिवासियों की ग़िरफ़्तारी के विरोध में ‘अनिश्चितकालीन बंद’ से सामान्य जनजीवन प्रभावित

मणिपुर के मान्यता प्राप्त आदिवासियों के समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर फोरम (ITLF) ने गिरफ्तारियों के विरोध में सोमवार सुबह 10 बजे से जिले में अनिश्चितकालीन बंद रखा और मांग की कि गिरफ्तार किए गए लोगों को 48 घंटे के भीतर रिहा किया जाए.

मणिपुर (Manipur) के चुराचांदपुर (Churachandpur) जिले में 2 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की गई है. यह बंद कुकी-ज़ोमी (Kuki-Zomi) समुदाय के पांच लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में किया जा रहा है.

इस बंद की शुरुआत इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (Indigenous Tribal Leaders’ Forum) ने 5 आदिवासियों की गिरफ़्तारियों को “केंद्रीय जांच एजेंसियों की सिलेक्टिव जल्दबाजी” बताते हुए की थी.

वहीं कांगपोकपी (Kangpokpi) जिले में स्थित एक अन्य कुकी-ज़ोमी संगठन, कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (COTU)  ने गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग के लिए सिलचर और इंफाल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को बंद कर दिया है.

आदिवासियों के संगठन ने धमकी दी है कि अगर उन्हें 48 घंटे के भीतर ग़िरफ्तार किये गए सभी लोगों को रिहा नहीं किया गया तो वह कांगपोकपी जिले में भी अनिश्चितकालीन बंद लागू कर दिया जाएगा.

चुराचांदपुर जिले में सोमवार को बंद के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा.

पुलिस ने बताया कि चुराचांदपुर जिले में बंद के दौरान सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे, जबकि बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान नहीं खुले.

क्या है पूरा मामला?

इंफाल में 6 जुलाई से अपने घरों से लापता दो मैतेई युवाओं की हत्या के मामले में रविवार को सीबीआई ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था.

ये गिरफ्तारियां पिछले हफ्ते लापता दो छात्रों के शव दिखाने वाली तस्वीरें सामने आने के बाद मैतेई बहुल घाटी इलाकों में व्यापक और उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद हुईं.

एक अन्य व्यक्ति सेमिनलुन गंगटे (51) को एनआईए ने 30 सितंबर को क्वाक्टा, बिष्णुपुर से 21 जून को एक आईईडी कार विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया था और प्रारंभिक जांच के दौरान म्यांमार-बांग्लादेश स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा अंतरराष्ट्रीय साजिश का मामला पाया गया था.

राज्य में हिंसा भड़कने से पहले गंगटे क्वाक्टा के एक निजी स्कूल में अंग्रेजी शिक्षक के रूप में काम कर रहे थे. सोमवार को वीएन मॉडल इंग्लिश हाई स्कूल के प्रिंसिपल ने एक बयान जारी कर कहा कि गंगटे 2 फरवरी 2018 से 2 मई 2023 तक स्कूल के कर्मचारी थे.

बयान में कहा गया, “जहां तक मेरी जानकारी है, उनकी किसी भी असामाजिक गतिविधियों में कोई संलिप्तता नहीं है. और जहां तक मेरी जानकारी है उनका राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.”

गंगटे की पत्नी मंगसी ने कहा कि 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद उनका परिवार चुराचांदपुर भाग गया था और तब से एक राहत शिविर में रह रहा है.

उन्होंने कहा, “क्योंकि वहां कोई और स्कूल नहीं था इसलिए उसने पैसे कमाने के लिए चुराचांदपुर में एक हार्डवेयर स्टोर पर काम करना शुरू कर दिया. जब उसे गिरफ्तार किया गया तो वह स्कूल के मालिक के स्वामित्व वाले क्वाक्टा में एक हार्डवेयर स्टोर से सामान लेने के लिए टोरबुंग गया था, जिसे वह चुराचांदपुर में बेचने के लिए वापस ले जा रहा था. मुझे नहीं पता कि उनके पास उनके खिलाफ क्या मामला है.”

इन गिरफ्तारियों के खिलाफ ITLF ने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर पक्षपाती तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगाया. साथ ही ये भी कहा कि कुकी-ज़ोमी समुदाय के लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया, उनका अपहरण हुआ है.

ITLF ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया, “आज लम्का के अलग-अलग सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइज़ेशंस ने एक संयुक्त बैठक की. इसमें लम्का जिले में हुए अपरहरण के विरोध में 2 अक्टूबर सुबह 10 बजे से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा करने का फैसला लिया गया.”

ITLF ने आगे कहा, “राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लम्का इलाके में 7 कुकी-ज़ोमी समुदाय के लोगों का अपहरण किया है. इनमें 2 नाबालिग भी शामिल हैं. दोनों जांच एजेंसियों से अनुरोध है कि वे गिरफ्तार किए लोगों को 48 घंटे के अंदर रिहा कर दें. नहीं तो मणिपुर के सभी पहाड़ी इलाकों में और तेज़ आंदोलन होगा.”

मैतेई छात्रों की हत्या का मामला

इससे पहले 20 साल के फिजाम हेमजीत और 17 साल की हिजाम लिनथोइनगांबी की हत्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. ये दोनों मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखते थे.

दोनों छात्रों की हत्या के पहले और बाद की तस्वीरें राज्य में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बहाल होने के बाद 25 सितंबर को सामने आईं. हालांकि, इस घटना के बाद इंटरनेट सेवाएं एक बार फिर बंद कर दी गईं.

दोनों छात्र जुलाई के पहले हफ्ते से लापता थे. उनकी हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया. सैकड़ों लोगों ने इंफाल की सड़कों पर आकर उनके लिए न्याय की मांग की. इसके बाद इस मामले की कार्रवाई सीबीआई को दे दी गई.

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा था कि मणिपुर के दो युवाओं के अपहरण और हत्या के मामले में सीबीआई ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है और सरकार सुनिश्चित करेगी कि उन्हें अधिकतम सजा मिले.

सिंह ने यह भी बताया था कि एनआईए ने म्यांमा और बांग्लादेश से संचालित आतंकवादी संगठनों के सरगनाओं द्वारा मणिपुर में जारी मौजूदा जातीय संघर्ष का लाभ उठाकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की अंतरराष्ट्रीय साजिश से जुड़े मामले में चूराचांदपुर जिले से शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.

(PTI File image)

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