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खम्मम में आदिवासी, SC और गौड़ संघ चाहते हैं कि बेनामी शराब का लाइसेंस रद्द किया जाए

सरकार ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और गौड़ के लिए दुकानें आरक्षित कीं ताकि उन्हें आर्थिक रूप से विकसित करने में मदद मिल सके. वासम रामकृष्ण डोरा ने बेनामी लाइसेंस रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो जेएसी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत में जनहित याचिका (PIL) दायर करेगी.

नई शराब नीति अवधि 2021-23 के लिए बुधवार को लाइसेंसी खुदरा शराब की दुकानें खोलने का मंच तैयार है. इसलिए बेनामी व्यापारियों पर लगाम लगाने के लिए आदिवासी, अनुसूचित जाति और गौड़ संघ कमर कस रहे हैं.

गौड़ संघ चाहते थे कि अधिकारी राज्य सरकार द्वारा समुदायों को उनकी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए प्रदान किए गए आरक्षण की रक्षा करें. आदिवासी जेएसी, गौड़ जेएसी और एससी जेएसी के नेताओं ने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शराब माफिया समुदायों को जबरदस्ती शराब की दुकानें चलाने के लिए सरकार द्वारा दिए गए अवसर को हथियाना चाहते हैं.

आंध्र प्रदेश की सीमाओं पर स्थित खम्मम और कोठागुडम जिलों में शराब की दुकानों की भारी मांग है. इसका कारण आंध्र प्रदेश में शराब की बिक्री पर अधिक कीमतें और प्रतिबंध है. सूत्रों ने कहा कि जिलों में दुकानों से ज्यादातर शराब स्टॉक या तो अवैध रूप से आंध्र प्रदेश को आपूर्ति की जाती है या उस राज्य के ग्राहक शराब खरीदने के लिए सीमा मंडलों की दुकानों पर आते हैं.

आदिवासी जेएसी नेता वासम रामकृष्ण डोरा ने मंगलवार को तेलंगाना टुडे को बताया, “हम सोमवार को कोठागुडम निषेध और आबकारी अधिकारी नरसिम्हा रेड्डी से मिले और एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उनसे बेनामी व्यापारियों और शराब सिंडिकेट पर अंकुश लगाने का आग्रह किया गया था.”

उन्होंने कहा कि आरक्षित शराब की दुकानें संबंधित समुदाय के सदस्यों द्वारा ही संचालित की जानी चाहिए. जेएसी उस संबंध में किसी भी अड़चन से लड़ेगी. जेएसी अगले हफ्ते आरक्षित दुकानों पर नजर रखेगी कि कौन दुकानें चला रहा है और उसका मालिक बेनामी या असली लाइसेंसधारी है.

सरकार ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और गौड़ के लिए दुकानें आरक्षित कीं ताकि उन्हें आर्थिक रूप से विकसित करने में मदद मिल सके. वासम रामकृष्ण डोरा ने बेनामी लाइसेंस रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो जेएसी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत में जनहित याचिका (PIL) दायर करेगी.

गौड़ अधिकारी और पेशेवर संघ (GOPA) खम्मम के जिला अध्यक्ष जी श्रीनिवास गौड़ ने भी कहा कि वे शराब की दुकानों पर नजर रखेंगे और समुदाय को सरकारी आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सिंडिकेट करेंगे.

दरअसल कोठागुडम में 44 दुकानें एसटी को, सात एससी को और छह गौड़ को आवंटित की गई हैं. वहीं खम्मम में आठ दुकानें एसटी, 14 एससी और 18 गौड़ के लिए आरक्षित हैं. जबकि आंध्र प्रदेश के लोगों को खम्मम में 18 और कोठागुडेम जिले में आठ दुकानों के लिए लाइसेंस मिला है.

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