महाराष्ट्र (Maharashtra) के चंद्रपुर ज़िले (Chandarpur) के भानापुर (Bhanapur) में रहने वाली प्रिया यशवन्त तदम (Priya Yashwant) 24 साल की उम्र में अपने आदिवासी समाज के लिए एक मिसाल बन गई है. प्रिया का हमेशा से सपना था की वो विदेश में जाकर वकालत की पढ़ाई करें.
अब उनका यही सपना पूरा होने जा रहा है.दरअसल प्रिया को राज्य सरकार की तरफ से लंदन में वकालत की पढ़ाई करने के लिए 37.61 लाख रूपये की मदद दी जाएगी.
भानापुर गांव जंगलों के बीचो-बीच मौजूद है. इस गाँव में लगभग 40 परिवार ही निवास करते हैं. वहीं गाँव के आसपास कोई स्कूल भी मौजूद नहीं है. स्कूल न होने के कारण प्रिया और उसकी छोटी बहन शिवानी को मजबूरन अपने घर से दो किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए जाना पड़ता था.
प्रिया के पिता यशवन्त तदम (Yaswhant Tadam) खेती-किसानी करते हैं. वो बताते हैं की गांव के आसपास कोई स्कूल न होने के चलते प्रिया को पढ़ाई के लिए उन्होंने ब्रम्हपुरी में रिश्तेदार के घर भेज दिया था.
इसके बाद वो गढ़चिरौली गई. जहां उन्होंने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की थी. फिर बारहवीं के बाद उन्होनें नागपुर में डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर कॉलेज ऑफ लॉ से बीए एलएलबी की पढाई पूरी करी थी.
प्रिया बताती हैं की उसके पिता बड़ी मुश्किल से उनका और छोटी बहन की पढ़ाई का खर्चा उठा पाते थे.
प्रिया ने अपनी पढ़ाई के बाद उच्च पद के वकील सचीन जोटिंग से हाई कोर्ट और ज़िला कोर्ट के अंतर्गत ट्रेनिंग ली. ट्रेनिंग के दौरान ही प्रिया के मन में विदेश में पढ़ाई करने की ज्ञियासा जागी थी.
प्रिया ने ये भी बताया की उसे स्कॉलरशिप (Scholarship) पाने के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उसके पिता के पास इतने पैसे नहीं थे. फिर भी उन्होंने जैसे तैसे रजिस्ट्रेशन के लिए पैसे जोड़े.
वहीं उसकी बहन भी अपनी नौकरी छोड़कर उसके साथ दफ्तरों के चक्कर लगाती रही ताकि सारे काम समय पर हो सके. इस सबके के बाद प्रिया के स्कॉलरशिप प्रस्ताव को कई हफ्तों की देरी का सामना करना पड़ा था. क्योंकि 9 अक्टूबर क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी, लंदन (Queen marry university, London) में नामांकन की आखिरी तारीख थी और तब तक उसके स्कॉलरशिप को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति नहीं दी गई थी.
हालांकि, ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए संरक्षक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) और विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने मुख्यमंत्री को प्रिया की सारी समस्या बाताई.
जिसके बाद प्रिया के स्कॉलरशिप से संबंधित सारे रूके हुए काम उसी दिन ही पूरे हो गए. अब कुछ दिन बाद ही प्रिया लंदन में आगे की पढ़ाई के लिए चली जाएगी.