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महाराष्ट्र में होगा अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन

मुंबई में हुई राज्य जनजाति सलाहकार परिषद (Tribal Advisory Council) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही बैठक में राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों के पुनर्गठन, जनसंख्या के अनुसार धन का प्रावधान, आदिवासी जिलों के तालुकाओं में परियोजना कार्यालय शुरू करने जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई.

महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बुधवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Commission for Scheduled Tribes) की तर्ज पर राज्य में एक अनुसूचित जनजाति आयोग स्थापित किया जाएगा.

इसके साथ ही सीएम शिंदे ने आदिवासी समुदाय की बड़ी आबादी वाले ऐसे गांवों की संख्या बढ़ाने पर भी संकेत दिया जो पहले किसी सरकारी योजना में शामिल नहीं थे.

एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और संबंधित मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य के अनेक हिस्सों में आदिवासी जनसंख्या के मौजूदा स्तर की समीक्षा करने का आदेश दिया.

इसमें कहा गया कि समीक्षा के बाद गांवों के साथ नए क्षेत्रों को ‘आकांक्षी’ जिलों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा, जिससे आदिवासियों की बड़ी आबादी वाले गांवों की संख्या में मौजूदा गांवों की तुलना में वृद्धि हो सकती है.

एक अधिकारी ने बाद में कहा कि पिछले 38 वर्षों में ऐसी समीक्षा नहीं हुई है और इसके लिए मांग की गई थी.

एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में शिंदे ने अनुसूचित जनजातियों के लिए एक विशेष आयोग गठित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जो एक वैधानिक निकाय होगा.

मुंबई में हुई राज्य जनजाति सलाहकार परिषद (Tribal Advisory Council) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही बैठक में राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों के पुनर्गठन, जनसंख्या के अनुसार धन का प्रावधान, आदिवासी जिलों के तालुकाओं में परियोजना कार्यालय शुरू करने जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दिसंबर तक जनजातीय विकास के लिए आवंटित धनराशि का उपयोग न होने पर भी उसका दुरुपयोग न किया जाए. उन्होंने अधिकारियों से दिसंबर से पहले संबंधित विभागों को धनराशि जारी करने को भी कहा.

बयान में कहा गया है, “आदिवासी समुदायों के लिए विकसित किए जा रहे बुनियादी ढांचे की निर्माण गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए. इसमें छात्रों के लिए स्कूलों, सड़कों और छात्रावासों का निर्माण शामिल है.”

महाराष्ट्र में 13 जिलों को आदिवासी आबादी वाले क्षेत्रों के रूप में अधिसूचित किया गया था. उनमें से 23 तहसीलों या ब्लॉकों में आदिवासी समुदायों की आबादी अधिक है जबकि अन्य 36 में अच्छी खासी आबादी है.

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