HomeAdivasi Dailyमणिपुर में हालात बेहद अस्थिर, छात्रों ने शांति के लिए जंतर-मंतर पर...

मणिपुर में हालात बेहद अस्थिर, छात्रों ने शांति के लिए जंतर-मंतर पर रैली की

विरोध प्रदर्शन में शामिल डीयू के मास्टर के छात्र डायकिम ने कहा कि मेरी तरह दिल्ली में रहने वाले कई मणिपुरी छात्र अभी भी मणिपुर में फंसे अपने परिवारों को लेकर डरे हुए हैं. इसके अलावा मणिपुर के ज्यादातर छात्रों पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है. जिसके कारण कई लोगों को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी.

मणिपुर में जारी संघर्ष को चार महीने हो चुके हैं लेकिन जमीन पर स्थिति अभी भी नहीं सुधरे हैं. आलम ये हैं कि तमाम तरह की सुरक्षा तैयारियों के बावजूद भी न हिंसा रुक रही है और न ही संघर्ष की घटनाएं कम होने का नाम ले रही है. इस बीच मणिपुर के कई छात्रों ने गुरुवार को दिल्ली में जंतर मंतर पर अपने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

जिसमें लिखा था, “मणिपुर में आदिवासी सुरक्षित नहीं हैं”, “आदिवासियों को बीरेन सिंह से बचाएं” और “हम अलग प्रशासन की मांग करते हैं.”

छात्र “मणिपुर में 140 दिनों के अन्याय” के विरोध में संयुक्त दिल्ली आदिवासी छात्र मंच के बैनर तले इकट्ठा हुए थे.

प्रदर्शनकारी, जो दिल्ली और एनसीआर में रह रहे हैं कुकी, ज़ोमी और हमार आदिवासी समुदायों से थे. उन्होंने राज्य और केंद्र सरकारों से पूर्वोत्तर राज्य में चल रहे जातीय संघर्ष को हल करने के लिए “तत्काल और आवश्यक कार्रवाई” करने का आग्रह किया.

मई के बाद से आगजनी, कई मौतें और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं हुई है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कई लोग राज्य से विस्थापित हो गए हैं.

विरोध प्रदर्शन में शामिल डीयू के मास्टर के छात्र डायकिम ने कहा, “मेरी तरह दिल्ली में रहने वाले कई मणिपुरी छात्र अभी भी मणिपुर में फंसे अपने परिवारों को लेकर डरे हुए हैं. इसके अलावा मणिपुर के ज्यादातर छात्रों पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है. जिसके कारण कई लोगों को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी.”

उन्होंने कहा, “संकट जितना लंबा रहेगा, उतनी ही अधिक जिंदगियां नष्ट होंगी, यही कारण है कि हम चाहते हैं कि सरकार हमारे मुद्दों पर आंखें न मूंदें और उनका समाधान निकाले.”

मंच ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को भी पत्र लिखकर राज्य के लिए “अलग प्रशासन” की मांग की.

अधिकारियों को दिए गए अपने ज्ञापन में उन्होंने कहा: “भूमि, क्षेत्रों और संसाधनों पर हमारे अधिकार को कानूनी और संवैधानिक मान्यता और सुरक्षा देना भारत सरकार का कर्तव्य है. हम भारत सरकार से जल्द समाधान की अपील करते हैं. ताकि मणिपुर में मौजूदा संकट पर काबू पाया जा सके.”

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थानों पर हमला करने की कोशिश की

जहां एक तरफ दिल्ली में छात्र केंद्र सरकार से मणिपुर में जल्द से जल्द से शांति स्थापित करने की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ मणिपुर में गिरफ्तार किए गए पांच युवकों की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर पुलिस थानों पर हमला करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने गुरुवार को आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें 10 से अधिक लोग घायल हो गए.

अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर, राज्य सरकार ने इंफाल के दो जिलों में शाम पांच बजे से कर्फ्यू में ढील रद्द कर दी.

उन्होंने बताया कि पांच ग्रामीण स्वयंसेवियों की रिहाई की मांग को लेकर छह स्थानीय क्लब और मीरा पैबिस ने प्रदर्शन का आह्वान किया था. इस आह्वान पर हाथों में तख्तियां लिए और नारे लगाते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट पुलिस थाने और इंफाल पश्चिम जिले में सिंगजामेई पुलिस थाने और क्वाकीथेल पुलिस चौकी में घुसने का प्रयास किया.

उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात पुलिस और आरएएफ कर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के कई गोले दागे.

इंफाल पश्चिम जिले के मयांग इंफाल पुलिस थाने और इंफाल पूर्वी जिले के एंड्रो पुलिस थाने में भी घुसने के इसी तरह के प्रयास की सूचना मिली थी.

‘ऑल लंगथबल केंद्र यूनाइटेड क्लब्स कोऑर्डिनेटिंग कमेटी’ के अध्यक्ष युमनाम हिटलर ने कहा, ‘‘गिरफ्तार किए गए पांच लोगों को रिहा करने के लिए सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाने के बाद ‘स्वैच्छिक रूप से सामूहिक गिरफ्तारी’ आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया.’’

मणिपुर पुलिस ने अत्याधुनिक हथियार रखने के आरोप में 16 सितंबर को पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने एक बयान में कहा कि पांचों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

मणिपुर पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा विभिन्न जिलों में तलाशी अभियान चलाया गया है और मोर्टार के गोले सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं.

पुलिस ने कहा कि राज्य के पर्वतीय जिलों में कुल मिलाकर 127 चौकियां स्थापित की गईं और नियमों के उल्लंघन के लिए बुधवार को 873 लोगों को हिरासत में लिया गया।

पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सुरक्षा बलों द्वारा इंफाल पश्चिम, थौबल, बिष्णुपुर, कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी जिलों में एक हथियार, दो बंदूक, 50 गोला-बारूद और आठ विस्फोटक बरामद किए गए.’’

जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, “मणिपुर में धीरे-धीरे शांति लौट रही है.”

वहीं पिछले तीन हफ़्तों में ही यहां हिंसा की कम से कम पांच घटनाएं हो चुकी हैं. ताज़ा घटना बीते रविवार को हुई जब छुट्टी पर आए भारतीय सेना के एक जवान को इंफाल में उनके घर से अगवा करके मार डाला गया. 

हज़ारों की संख्या में हथियारबंद, नाराज़ और डरे हुए नागरिकों और हथियारबंद नागरिकों के बीच मणिपुर में हालात बेहद अस्थिर और संवेदनशील बने हुए हैं.

(Image credit: PTI)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments