नागालैंड में 1 दिसंबर से शुरू होने वाले लोकप्रिय हॉर्नबिल फेस्टिवल की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. यह फेस्टिवल का 22वां संस्करण है. हॉर्नबिल महोत्सव एक ऐसा त्योहार है जो राज्य की संस्कृति का जश्न मनाता है. दिसंबर के महीने में सर्दियों के मौसम में आयोजित होने वाले इस मेले में काफी संख्या में सैलानी आते हैं.
राज्य के पर्यटन सलाहकार खेहोवी येप्थोमी ने शुक्रवार को कहा कि नागालैंड सरकार कपड़ा, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुड़े कारीगरों और उद्यमियों की मदद के लिए 1 दिसंबर से लोकप्रिय हॉर्नबिल उत्सव आयोजित करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
10 दिन तक चलने वाला उत्सव, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है वो राज्य की राजधानी से लगभग 12 किलोमीटर दूर नागा हेरिटेज गांव किसामा (Kisama) में आयोजित किया जाएगा.
हॉर्नबिल फेस्टिवल नागा जनजातियों की संस्कृति, विरासत, भोजन और रीति-रिवाजों को प्रदर्शित करता है. इन जनजातियों के लोग रंगीन नृत्य प्रदर्शन के साथ अपनी परंपराओं का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं.
हॉर्नबिल फेस्टिवल को “त्योहारों का त्योहार” करार देते हुए उन्होंने कहा कि वार्षिक कार्यक्रम राज्य की सभी 17 जनजातियों को एक मंच पर लाता है और दुनिया के बाकी हिस्सों में उनकी संस्कृति को बढ़ावा देता है.
नागालैंड को त्योहारों की भूमि के रूप में जाना जाता है क्योंकि हर एक जनजाति की अपनी परंपराएं, भाषा और संस्कृति होती है और ये कृषि कैलेंडर के विभिन्न मौसमों के दौरान पूरे वर्ष मनाए जाते हैं.
राज्य के पर्यटन सलाहकार ने कहा, “यह त्योहार न सिर्फ एक वार्षिक सांस्कृतिक मामला है बल्कि हमारी समृद्ध नागा परंपराओं की अनूठी पहचान और विरासत का अनुभव करने के लिए एक अवसर भी है.” उन्होंने कहा कि हॉर्नबिल उत्सव पिछले 21 वर्षों से नागालैंड की संस्कृति को प्रदर्शित कर रहा है और उद्यमियों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इसने राज्य के पर्यटन और संबंधित व्यवसायों को बढ़ावा दिया है. 2016 में हॉर्नबिल फेस्टिवल के दौरान 1.12 लाख से अधिक पर्यटक नागालैंड आए. जबकि 2019 में 2.82 लाख पर्यटकों ने दौरा किया.
देश में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच यह उत्सव पिछले साल वर्चुअली मनाया गया था. त्योहार के आर्थिक प्रभाव पर एक अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2018 हॉर्नबिल फेस्टिवल में 7 करोड़ रुपये के निवेश से 45 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई.
पर्यटन सलाहकार ने कहा कि परिवहन, भोजन, आवास और स्थानीय उत्पादों पर 2019 में कुल कारोबार 100.73 करोड़ रुपये था और सरकार ने उस वर्ष 10-दिवसीय उत्सव के लिए लगभग 11.52 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
वार्षिक उत्सव ने न सिर्फ नागालैंड को विश्व पर्यटन मानचित्र पर रखा है बल्कि नागाओं को संस्कृति और विरासत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने और अंतर-जनजातीय संपर्क को बढ़ावा देने में मदद की है.
खेहोवी येप्थोमी ने कहा कि इसने उत्तर पूर्व भारत की विविध और जीवंत संस्कृतियों के बारे में लोगों में बढ़ती रुचि पैदा की. उन्होंने यह भी घोषणा की कि नौवां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट (ITM) शनिवार से पहली बार राज्य के किसामा में आयोजित किया जाएगा.
आईटीएम पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र को घरेलू और विदेशी यात्रियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से केंद्र द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है.