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मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का लोगों से आग्रह – ‘हिंसा बंद करें’ अशांति से मणिपुर पर्यटन प्रभावित हो रहा है

कुकी और मैतेई समुदायों से जुड़ी जातीय हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़क उठी थी. हिंसा जारी रहने और कई लोगों की जान जाने के कारण केंद्र को शांति बहाल करने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा.

मणिपुर संकट (Manipur Crisis) के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने लोगों से शांतिपूर्ण बातचीत के साथ हिंसा रोकने की अपील की है. यह कहते हुए कि राज्य में पर्यटन 10-20 प्रतिशत कम हो गया है, उन्होंने लोगों से हिंसा रोकने और जातीय संकट को समाप्त करने के लिए शांतिपूर्ण बातचीत शुरू करने की अपील की है.

एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि (पर्यटन) थोड़ा प्रभावित हुआ है. लेकिन विशेष रूप से इंफाल क्षेत्र और दो जिलों को छोड़कर पहाड़ी के अन्य हिस्सों में स्थिति सामान्य है. लेकिन पर्यटन 10-20 प्रतिशत कम हो गया है.”

उन्होंने आगे कहा, “संकट के समय इंफाल घाटी में भी सुरक्षा वाहनों को जाने की इजाजत नहीं थी. हमें कुछ समय लेना होगा क्योंकि सभी हमारे लोग हैं. हम उनके ख़िलाफ़ बल प्रयोग नहीं कर सकते. धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. हमें लोगों को समझाना होगा.”

साल 2023 में मणिपुर में हुई हिंसा के बारे में पूछे जाने पर सीएम ने कहा कि ‘हमें 8 महीने नहीं गिनने चाहिए’ क्योंकि 4-5 महीने ऐसे थे जब राज्य में कोई संकट नहीं था.

उन्होंने कहा, “3 मई से आप 8 महीने गिन रहे हैं लेकिन 4-5 महीनों में कोई संकट नहीं था. सब कुछ शांतिपूर्ण था. हमें 8 महीने नहीं बल्कि केवल वह समय गिनना चाहिए जब संकट आया था. समस्या के समाधान में समय लगता है. लेकिन इस बीच मैं देश के सभी नागरिकों, खासकर मणिपुर के नागरिकों से अपील करना चाहता हूं कि वे हिंसा रोकें और शांतिपूर्ण बातचीत शुरू करें. हमें साथ रहना होगा. हमें विस्थापित लोगों को उनके संबंधित स्थानों पर फिर से बसाना होगा. बच्चों को स्कूल जाना होगा.”

कुकी और मैतेई समुदायों से जुड़ी जातीय हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़क उठी थी. हिंसा जारी रहने और कई लोगों की जान जाने के कारण केंद्र को शांति बहाल करने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा.

वहीं इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से जातीय हिंसा में नष्ट हुए पूजा स्थलों को बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अदालत द्वारा नियुक्त समिति को विवरण देने को कहा है.

इस बीच एक आधिकारिक बयान के अनुसार, असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस के साथ एक संयुक्त तलाशी अभियान में शनिवार को नोनी जिले के कोबुरु रिज के सामान्य क्षेत्र में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया.

हथियारों और गोला-बारूद की मौजूदगी के बारे में इनपुट के आधार पर असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस की एक संयुक्त टीम ने 23 दिसंबर को एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया.

बताया जा रहा है कि छापेमारी के बाद सुरक्षाबलों ने एक एके 56 राइफल, एक सिंगल बैरल बंदूक, गोला-बारूद, छह ग्रेनेड और युद्ध जैसे भंडार बरामद किया है.

साल 2023 में मणिपुर ने बहुत कुछ देखा. दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष और हिंसा में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई और करीब 60 हज़ार लोग बेघर हो गए. लेकिन 8 महीने बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह हिंसा में अपनो को खोने और महीनों तक अपने घरों से दूर रिलीफ कैंप में रहने के दर्द को भूलाकर लोगों से राज्य के पर्यटन पर ध्यान देने की बात कर रहे हैं.

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