HomeAdivasi Dailyतेलंगाना: क्या मुख्यमंत्री के आसिफाबाद दौरे से बदलेगा आदिवासी बस्तियों का भाग्य

तेलंगाना: क्या मुख्यमंत्री के आसिफाबाद दौरे से बदलेगा आदिवासी बस्तियों का भाग्य

एक अधिकारी का कहना है कि 500 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे. लेकिन अब तक प्रस्तावों में उल्लिखित कम से कम 10 प्रतिशत सड़कों के लिए भी धन स्वीकृत नहीं किया गया.

देश में आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी विकास कार्यक्रमों का लाभ पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. धन के अपर्याप्त आवंटन और वन विभाग द्वारा सुविधा के अनुमोदन में देरी के कारण आदिवासी बस्तियों का एक बड़ा हिस्सा अभी भी सड़क संपर्क से वंचित हैं.

हम बात कर रहे हैं तेलंगाना के कोमाराम भीम आसिफाबाद ज़िले की. इस ज़िले में 335 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें 1,050 से अधिक बस्तियाँ हैं. उनमें से कुमराम भीम आसिफाबाद जिले की 280 बस्तियों में सड़क सुविधा नहीं है.

पंचायत राज और सड़क एवं भवन विभाग (Panchayat Raj and Roads & Building department) के अधिकारियों के अनुसार, विशेष रूप से 126 बस्तियों को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

केरामेरी (Kerameri), वानकिडी (Kerameri), जैनूर (Jainoor), सिरपुर (यू) (Sirpur (U)), लिंगापुर (Lingapur), थिरयानी (Thiryani), पेंचिकलपेट (Penchikalpet), बेज्जुर (Bejjur) और चिंथालामनेपल्ली मंडलों (Chinthalamanepalli mandals) की कई बस्तियों के आदिवासी मानसून के दौरान अलग रहते हैं.

घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में स्थित इन आंतरिक बस्तियों के निवासियों के पास चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को नजदीकी मंडल केंद्रों और कस्बों के अस्पताल में ले जाते समय भगवान में विश्वास रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है.

पंचायत राज और सड़क एवं भवन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इन आदिवासी क्षेत्रों में सड़कें बनाने के प्रस्ताव काफी समय से लंबित थे.

एक अधिकारी ने बताया कि 500 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे. लेकिन अब तक प्रस्तावों में उल्लिखित कम से कम 10 प्रतिशत सड़कों के लिए भी धन स्वीकृत नहीं किया गया.

इस बीच वन विभाग के द्वारा प्रस्तावित सड़क सुविधाओं को मंजूरी देने में बहुत ज्यादा देरी से आदिवासियों की परेशानियां बढ़ रही हैं. पता चला है कि विभाग के पास अभी भी कई प्रस्ताव लंबित हैं. निर्वाचित प्रतिनिधियों का कहना है कि वे ब्यूरोक्रेट्स द्वारा पैदा की गई बाधाओं से तंग आ चुके हैं.

ऐसे में आदिवासियों को अब मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी (A Revanth Reddy) के शुक्रवार को आदिलाबाद ज़िले के दौरे से उम्मीदे हैं. वे उम्मीद कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए घोषणाएं करने के साथ ही उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगे.

राज्य के मुख्यमंत्री का दौरा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के कार्यभार संभालने के बाद के 2 फरवरी को आदिलाबाद ज़िले में पहले दौरे की व्यवस्था की गई है.

ऐसा दावा किया जा रहा है इस अवसर पर मुख्यमंत्री एक जनसभा को संबोधित करेंगे और कुछ विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे.

बुधवार को पंचायत राज और ग्रामीण विकास मंत्री डी. अनसूया सीताक्का (D. Anasuya Seethakka) ने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की 2 फरवरी को तेलंगाना के आदिवासी गढ़ आदिलाबाद ज़िले के केसलापुर और इंद्रवेली के निर्धारित दौरे की तैयारियों की समीक्षा की.

मंत्री ने इंद्रवेल्ली मंडल मुख्यालय में शहीद स्मारक पर व्यवस्थाओं का मौके पर ही आकलन किया, जहां मुख्यमंत्री शुक्रवार को एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने वाले हैं.

इसके अलावा ऐसा दावा किया जा रहा है मुख्यमंत्री केसलापुर (Keslapur) में गोंड जनजाति (Adivasi Gond tribe) के प्रसिद्ध नागोबा (नाग देवता) मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और इंद्रवेली मंडल की अपनी यात्रा के दौरान अलग-अलग विकास कार्यों की आधारशिला रखेंगे और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे.

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