HomeAdivasi Dailyलोकसभा चुनाव: बस्तर, शहडोल और मंडला में चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचा

लोकसभा चुनाव: बस्तर, शहडोल और मंडला में चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचा

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में महज़ 5 दिन रहे गए हैं. आदिवासी बहुल क्षेत्रों के नज़रिये से इस चरण में छत्तीसगढ़ के बस्तर और मध्य प्रदेश के शहडोल और मंडला सीटों पर मतदान होगा. वहीं सीधी सीट पर भी आदिवासी प्रभाव है.

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के पहले चरण में महज़ 5 दिन रहे गए हैं. इस चरण में कुल 102 सीटों पर चुनाव होगा.

आदिवासी बहुल क्षेत्रों के नज़रिये से देखें तो इस चरण में छत्तीसगढ़ के बस्तर (Chhattisgarh Bastar) और मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के शहडोल और मंडला सीटों पर मतदान होगा. वहीं सीधी सीट पर भी आदिवासी प्रभाव है.

और पढ़े: शिकार की आदिवासी परंपरा को रोकने के लिए 1000 सिपाही तैनात

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव

छत्तीसगढ़ (Lok Sabha election in Chhattisgarh) के बस्तर में 2011 की जनगणना के अनुसार बस्तर की कुल आबादी 14,13,199 है. जिनमें से 70 प्रतिशत आदिवासी है.

छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें है. इनमें से 4 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. इन 4 सीटों में से बस्तर भी एक है.

बस्तर सीट से इस लोकसभा चुनाव में कुल 12 उम्मीदवार खड़े हुए हैं.

बहुजन समाज पार्टी बीएसपी से आयतु राम मंडावी, कांग्रेस से कवासी लखमा और भारतीय जनता पार्टी से महेश कश्यप दावेदार के रूप में उतरे हैं.

इनके अलावा जगदीश नाग, टीकम नागवंशी, नरेंद्र बुरका, फूलसिंह कचलाम, शिवराम नाग, प्रकाश कुमार गोटा और सुंदर बघेल भी उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए हैं.

फिलहाल कांग्रेस के दीपक बैज यहां के सांसद है.

बीजेपी पार्टी ने यहां लंबे समय तक राज किया. 1998 के बाद से 2014 तक बीजेपी के बलिराम कश्यप ही इस सीट पर विजयी रहें.

लेकिन 10 मार्च 2011 को उनका निधन हो गया. जिसके बाद यहां फिर से उपचुनाव हुए. इस उपचुनाव में बलिराम के बेटे दिनेश कश्यप को बीजेपी ने उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया.

दिनेश कश्यप ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बस्तर सीट पर विजय हासिल की. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वे कांग्रेस के दीपक बैज से हार गए.

बीजेपी ने उम्मीदवार बदला

बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव के लिए एक नए दावेदार को उतारा है. बीजेपी के इस नए उम्मीदवार का नाम महेश कश्यप है. महेश पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं.

वे अपने गांव कलचा में 2014 से 2019 तक सरपंच रहे हैं. महेश का मुकाबला कांग्रेस के कवासी लखमा से है.

कवासी आदिवासी नेता है और छह बार विधायक रहे चुके हैं. इन्होंने 2003 में पहली बार चुनाव जीता था.

2013 में नक्सलियों ने उनके घर पर हमला किया था. इस हमले में उन्हें छोड़कर 30 लोग मारे गए थे.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments