HomeGround Reportमिज़ोरम: ZPM और कांग्रेस क्या मिल कर सरकार बना सकते हैं?

मिज़ोरम: ZPM और कांग्रेस क्या मिल कर सरकार बना सकते हैं?

मिज़ोरम के बारे में जो ख़बरें दिखाई जा रही हैं या छप रही हैं उनसे लगता है कि सत्ताधारी दल MNF फिर सरकार बना सकता है. मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा राज्य के निर्विवाद रूप से सबसे लोकप्रिय नेता हैं. लेकिन जब हमने ग्राउंड पर लोगों से बात की तो ऐसा लगा कि मिज़ोरम में ZPM इस बार सबसे ज़्यादा चर्चा में है. लोग यह भी मानते हैं कि यह पार्टी कांग्रेस के समर्थन से सरकार बना सकती है.

मिज़ोरम में 7 नवंबर 2023 को विधान सभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. इस चुनाव में सत्ताधारी मिज़ो नेशनल फ्रंट (MNF), कांग्रेस (Congress), ज़ोरम पीपुल्स फ्रंट (ZPM)और बीजेपी (BJP) चुनाव मैदान में हैं. मिज़ोरम में कुल 40 सीटें हैं.

मिज़ोरम के इस चुनाव की जितनी चर्चा देश में हो रही है, शायद ही पहले कभी इतनी चर्चा हुई थी. इसकी बड़ी वजह है मणिपुर में कुकी-ज़ोमी और मैतई समुदायों के बीच चला रहा हिंसक संघर्ष भी है. मणिपुर से विस्थापित हुए कुकी-ज़ोमी समुदाय के कम से कम 12000 लोग मिज़ोरम में रह रहे हैं.

इसके अलावा बर्मा से आने वाले शर्णार्थियों का मुद्दा भी यहां पर चर्चा में माना जा रहा है. लेकिन क्या मिज़ोरम चुनाव में मणिपुर की हिंसा और बर्मा से आने वाले शरणार्थी ही मुद्दा हैं या फिर मिज़ोरम में स्थानीय मुद्दे भी हैं. 

मिज़ोरम में करीब 70 प्रतिशत से लोग खेती किसानी से ही गुज़र-बसर करते हैं. इस राज्य में संविधान की छठी अनुसूचि भी लागू होती है. मिज़ोरम में महिला मतदाताओं का अनुपात ज़्यादा है. यहां कुल 851895 वोटर हैं, जिसमें आधे से ज़्यादा संख्या महिला वोटर्स की है.

इस चुनाव में मिज़ो नेशनल फ्रंट यानि सत्ताधारी दल ने कुल 40 उम्मीदवार उतारे हैं. यानि यह पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस पार्टी ने भी राज्य की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतार दिये हैं. जबकि बीजेपी ने 23 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं. 

लेकिन इस चुनाव में सबसे ज़्यादा चर्चा जिस पार्टी की हो रही है उसका नाम ZPM यानि ज़ोरम पीपुल्स फ्रंट है. मिज़ोरम में जब लोगों से बात करते हैं तो अहसास होता है कि बेशक यहां के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा एक लोकप्रिय नेता हैं,  लेकिन ZPM उसे कठिन चुनौती पेश कर रही है.

मणिपुर में हिंसा यहां पर लोगों में चर्चा का विषय ज़रूर है लेकिन वह केंद्रीय मुद्दा नहीं है. यहां के लोगों के लिए नौजवानों के लिए रोज़गार और विकसित मिज़ोरम बड़ा मुद्दा है. यहां राहुल गांधी के रोड शो में काफी बड़ी संख्या में लोग जुटे थे.

यह कांग्रेस पार्टी के लिए खुशी की बात हो सकती है, इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी यह मान कर नहीं चल सकती है कि जिस तरह का समर्थन और उत्साह राहुल गांधी के रोड शो में दिखाई दिया वो वोट में भी बदल जाएगा.

लेकिन राज्य में कांग्रेस पार्टी की मजबूत उपस्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता है. यहां पर लोगों को यह भी लगता है कि अगली सरकार ZPM और कांग्रेस पार्टी की बन सकती है. इस चुनाव में बीजेपी की चर्चा बहुत ज्यादा नहीं हो रही है.

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