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यंग ट्राइबल लीडर आर्ट कॉन्टेस्ट के लिए शुरु हुए आवेदन, जानें कब है आखिरी तारीख

भारतीय मामलों के ब्यूरो पर्यावरण सेवा और सांस्कृतिक संसाधन प्रबंधन प्रभाग के द्वारा आयोजित युवा जनजातीय नेता कला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की तारीख जारी हो चुकी है. इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी 6 जनवरी 2024 तक हिस्सा ले सकते हैं.

आदिवासी कला को बढ़ावा देने के लिए भारतीय मामलों के ब्यूरो पर्यावरण सेवा और सांस्कृतिक संसाधन प्रबंधन प्रभाग (The Bureau of Indian Affairs Division of Environmental Services and Cultural Resource Management) ने भारतीय जनजातियों के लिए समर्थन की सुविधा देते हैं.

इस भारतीय मामलों का ब्यूरो एंव यानी पर्यावरण सेवा और सांस्कृतिक संसाधन प्रबंधन प्रभाग ने संस्कृति, पर्यावरण के विषयों के भीतर देशभर के युवाओं और युवा पेशेवरों के दृष्टिकोण और रचनात्मकता को उजागर करने के लिए एक युवा जनजातीय नेता कला प्रतियोगिता (Young Tribal Leaders Art Contest) का आयोजिन किया है.

युवा जनजातीय नेता कला प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की अंतिम तारीख शनिवार, 6 जनवरी 2024 है.

इसके अलावा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विजेताओं के नाम की घोषणा फरवरी, 2024 में होगी.

वैसे इस प्रतियोगिता का संचालन करने वाले मिशन अमेरिकी भारतीय और अलास्का मूल निवासी पर्यावरण, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संसाधनों की रक्षा, विकास, प्रबंधन और संवर्धन के लिए जनजातियों के साथ काम करना है.

योग्यता

इस प्रतियोगिता में संघीय रूप से मान्यता प्राप्त जनजातियों और अलास्का मूल गांवों (Alaska Native Villages) के नागरिक हिस्सा ले सकते हैं.

अगर उम्र की बात कि जाए तो इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले की उम्र 1 जनवरी 2024 तक 14 से 30 वर्ष होनी चाहिए.

कौन सी कला योग्य

इस प्रतियोगता में जो कलाकृति प्रस्तुत की जा सकती है वो संस्कृति, पर्यावरण और जलवायु जैसे विषयों पर केंद्रित होनी चाहिए.

प्रतियोगता में भाग लेने के लिए प्रतिभागी की खुद के द्वारा बनाई गई रचनाएं होने के साथ ही वो द्वि-आयामी (two-dimensional) या त्रि-आयामी(three-dimensional) हो सकती है.

इसके अलावा युवा जनजातीय नेता कला प्रतियोगिता में फोटोग्राफी, डिजिटल कला, चित्र एंव पेंटिंग, टोकरी, मिट्टी के बर्तन, मनके और कलम का काम शामिल हो सकता है.

वैसे इस प्रतियोगिता के आयोजित होने से आदिवासी कला को बड़े स्तर पर पहचान मिल रही है. इसके साथ ही कहीं न कहीं इस प्रतियोगता के माध्यम से आदिवासी कला को संरक्षित करने में भी सहायता मिल रही है.

अगर कम शब्दों में कहा जाए तो सरकार के द्वारा आयोजित इन प्रतियोगिताओं के द्वारा आदिवासी कलाकार अपने कला का प्रदर्शन कर पा रहे है.

लेकिन प्रतियोगिता आयोजित करने के बावजूद भी ऐसे कई आदिवासी समुदाय और कला है जो समय के साथ लुप्त होती जा रही है.

सरकार को लुप्त होती आदिवासी समुदाय और कला को संरक्षित करने की ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.

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