तमिलनाडु के अल्लेरी पहाड़ी के अट्टुकालकोलाई गांव में एक आदिवासी की सांप के काटने से मृत्यु होने के महीनों बाद स्वास्थ्य विभाग ने वहां एक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है.
अभी से करीब पांच महीने पहले 35 वर्षीय एक आदिवासी शख्स की सांप के काटने से मृत्यु हो गई थी. क्योंकि उसे गांव से अस्पताल ले जाने का कोई साधन नहीं था. अस्पताल गांव से करीब 17 किलोमीटर दूर है.
अब ज़िला स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेल्लोर शहर के बाहरी इलाके में स्थित गांव में सार्वजनिक स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा निदेशालय (Directorate of Public Health and Preventive Medicine) को एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा है.
साल 2023 में पीएचसी सुविधा के अभाव को लेकर अट्टुकलकोल्लई गांव दो बार सुर्खियों में आया है.
20 जुलाई को सांप के काटने से एक 35 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी. जब उसे सबसे निकटतम अस्पताल, जो 17 किलोमीटर दूर था ले जाया गया. वहीं 28 मई को पहाड़ी पर एक 18 माह की बच्ची की भी पीएचसी के अभाव में इसी तरह मौत हो गई थी.
इस गांव में स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के लिए स्वास्थ्य विभाग को फ़िलहाल सरकार की वित्तीय मंजूरी का इंतज़ार है. इस पूरी प्रक्रिया में कितना समय लग सकता है उसका अंदाज़ा अभी कोई भी नहीं लगा सकता है.
फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने इस गाँव में कम से कम एक पूर्णकालिक आशा कार्यकर्ता की नियुक्ती कर दी है.
स्वास्थ्य विभाग का प्रस्ताव
स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव के हिसाब से नए केंद्र में काम करने वाले डॉक्टर, नर्सों एंव अन्य स्टाफ सदस्यों के लिए अलग केबिन और एक सामान्य आगंतुक हॉल के साथ ही विशेष उपचार के लिए अलग वार्ड जैसे विशेष रूप से सांप के काटे के इलाज के लिए सुविधाएँ अतिरिक्त स्टॉफ के साथ एक फार्मेसी होगी आदि सुविधाएं शामिल होगी.
नए स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार इस प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में अन्य सुविधाओं के साथ ही ऑपरेशन थिएटर और कम से कम छह बेड शामिल होगें.
इसके अलावा एम्बुलेंस और अन्य वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थान भी उपलब्ध कराया जाएगा.
जवाधु पहाड़ियों के इस पूर्वी हिस्से की खड़ी पहाड़ी में तीन बड़े आदिवासी गांव शामिल हैं. जिनके नाम हैं – पीनजामंथाई, जारथनकोलाई और पालमपट्टू है.
अल्लेरी आदिवासी बस्ती पीनजामनथाई ग्राम पंचायत का हिस्सा है. जिसमें लगभग 300 परिवार रहते हैं.
इससे पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC- the Ministry of Environment, Forest and Climate Change) ने कहा है कि गांव में एक सड़क परियोजना के लिए वन भूमि के लिए डीआरडीए यानी ज़िला ग्रामीण विकास एजेंसी के प्रस्ताव को पांच बार खारिज कर दिया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (The World Health Organization – WHO) का अनुमान है कि भारत में हर साल लगभग 5 मिलियन लोगों को सांप काटते हैं. उनमें से परिणामस्वरूप 2.7 मिलियन तक लोगों को काटने वाले सांप जहरीले होते हैं.
प्रकाशित रिपोर्ट्स से पता चलता है कि हर साल 81 हज़ार से 1 लाख 38 हज़ार के बीच लोगों की साँप के काटने से मौतें होती है.