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हेमंत सोरेन ने आदिवासियों को बचाने के लिए 2024 में केंद्र से भाजपा को हटाने का किया आह्वान

झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आजकल कई राज्यों में राज्यपाल राजनेताओं की तरह व्यवहार कर रहे हैं. केंद्र सरकार के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं. दूसरी ओर उनकी सरकार दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यक सभी वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान कर रही है लेकिन विरोधी दल के नेता किसी न किसी तरह अडंगा लगा रहे हैं.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा और आदिवासियों और हाशिए पर मौजूद लोगों के अस्तित्व की रक्षा के लिए 2024 में पार्टी को केंद्र से उखाड़ फेंकने का आह्वान किया.

शुक्रवार को साहेबगंज जिले के बरहेट में ‘आपकी योजना- आपकी सरकार-आपके द्वार’ (लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना और उनके दरवाजे पर शिकायतों का समाधान करना) अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ करते हुए, सोरेन ने भाजपा पर राज्यपालों को राजनीतिक उपकरण के रूप में उपयोग करने का आरोप लगाया.

“हमने कई विधेयक पारित किए हैं, जिनमें ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण भी शामिल है. लेकिन राज्यपाल इस पर कुंडली मारे बैठे हैं. झारखंड अकेला नहीं है. कई राज्यों ने बिलों को दबाकर बैठे रहने के लिए राज्यपालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.”

उन्होंने कहा कि आजकल कई राज्यों में राज्यपाल राजनेताओं की तरह व्यवहार कर रहे हैं. केंद्र सरकार के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं. दूसरी ओर उनकी सरकार दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यक सभी वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान कर रही है लेकिन विरोधी दल के नेता किसी न किसी तरह अडंगा लगा रहे हैं.

सोरेन ने कहा, “केंद्र ने वन संरक्षण कानून में संशोधन करके वनवासियों और आदिवासियों के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है. अब जनता के लिए भाजपा को न सिर्फ राज्यों से बल्कि केंद्र से भी बाहर करने का समय आ गया है. नहीं तो आदिवासियों और हाशिये पर पड़े लोगों की पहचान ख़तरे में पड़ जाएगी.”

केरल और तमिलनाडु पहले ही विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर सहमति देने में देरी करने वाले राज्यपालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं. झारखंड विधानसभा द्वारा भेजे गये कई विधेयक राज्यपाल ने लौटा दिए हैं.

सीएम ने कहा कि उनकी सरकार गरीब, पिछड़ों, अल्पसंख्यक, मूलवासी-आदिवासी सभी वर्गों के विकास में जुटी है. लेकिन विपक्ष रोड़ा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा.

सोरेन ने कहा कि विधानसभा ने सर्वसम्मति से आदिवासियों के लिए एक अलग सरना धर्म कोड के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित किया था और नवंबर 2020 में केंद्र को भेजा था लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

उन्होंने कहा कि झारखंड में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली भाजपा ने कोई कल्याणकारी योजना लागू नहीं की है.

सीएम सोरेन ने कहा कि 20 साल में भाजपा ने सिर्फ हिंदू-मुस्लिम और जात पात की राजनीति की. लेकिन हमारी सरकार काम कर रही है. लोगों को स्वरोजगार भी उपलब्ध करवा रही है. उन्होंने शेरशाहवादी मुसलमानों को जाति प्रमाणपत्र देने की घोषणा की.

युवाओं को मिल रहा स्वरोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के मोर्चे पर सरकार बेहद संवेदनशील है. सरकारी और निजी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर युवाओं को नौकरी दी जा रही है. वहीं मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से रोजगार के इच्छुक युवाओं को आर्थिक मदद दे रही है. युवा अपने पैरों पर खड़ा हो सके, इसके लिए सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है.

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि अब राज्य के आदिवासी, दलित अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना साकार हो रहा है. सरकार इन विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रही है.

दूसरी तरफ गुरुजी स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड के माध्यम से यहां के जरूरतमंद विद्यार्थियों को मेडिकल, इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्स करने के लिए मदद देने का काम कर रही है.

इसके अलावा बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए स्कूल आफ एक्सीलेंस खोले गए हैं. तमाम सरकारी विद्यालयों को संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है.

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