HomeAdivasi Dailyमध्यप्रदेश: गंधवानी में कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड बनाम बीजेपी के वादे

मध्यप्रदेश: गंधवानी में कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड बनाम बीजेपी के वादे

मध्यप्रदेश के धार ज़िले का गंधवानी विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र है. इस सीट की अधिकांश आबादी में आदिवासी समुदाय शामिल हैं. इसलिए इस क्षेत्र में सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के बीच आदिवासी वोटों के लिए जंग छिड़ी हुई है.

विधानसभा चुनाव प्रचार में कोई भी कसर छोड़ी नहीं है. काग्रेंस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार पर भरोसा बरकरार रखा है. जो की पिछले तीन चुनावों से काग्रेंस की इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

मंत्री उमंग सिंघार को अपनी चाची द्वारा राजनीति विरासत में मिली है. उनकी चाची यानि जमुना देवी राज्य की उपमुख्मंत्री रह चुकीं हैं. जमुना देवी कांग्रेस पार्टी की प्रमुख व्यक्ति थीं और अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण पद पर रह चुकी हैं.

भाजपा ने गंधवानी सीट पर अपनी जीत का सिलसिले को जारी रखने के लिए सिंघार के खिलाफ ज़िला पंचायत अध्यक्ष सरदार मेदा को मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने दावा किया है कि वह गंधवानी में आदिवासी मतदाताओं के साथ सक्रिय रूप से लगातार जुड़ रही है और आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अपनी योजनाओं पर काम कर रही है.

उन्होनें मतदाताओं के बीच प्रत्याशा की भावना पैदा की है क्योंकि वे भाजपा द्वारा किए गए वादों के मुकाबले कांग्रेस के ट्रैक रिकॉर्ड का आकलन कर रहे हैं. आखरी में यह मतदाताओं पर निर्भर करता है की वे कांग्रेस या भाजपा पार्टी के साथ बने रहना चाहते हैं.
क्यों हैं गंधवानी सीट जरुरी

धार ज़िले की सात विधानसभा सीटों में से गंधवानी थोड़ी पहाड़ी मानी जाती है. यह विधानसभा धार ज़िले की सबसे बड़ी विधानसभा है और इसमें तीन विकास खंड शामिल हैं, जिनमें गंधवानी, बाग और तिरला शामिल हैं.

यहां प्रत्याशियों को मतदाताओं से बात-चीत करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. इस सीट से मनावर, सरदारपुर कुक्षी, जोबट और झाबुआ जैसे निर्वाचन क्षेत्र जुड़े हुए हैं.गंधवानी में आदिवासी समाज की मुख्यत: दो जातियाँ हैं. भिलाला और भील मौजूदा विधायक उमंग सिंघार भी इसी वर्ग से आते हैं.

क्या है गंधवानी की राजनीतिक गणित

जमुना देवी इस आदिवासी इलाके की कद्दावर नेता थीं. उनके साथ ही उमंग सिंघार की भी आदिवासियों के बीच पकड़ मजबूत हो गई. उनकी लोकप्रियता का श्रेय काफी हद तक जमुना देवी के नेतृत्व के साथ उनके जुड़ाव और आदिवासी आबादी की जरूरतों और चिंताओं को संबोधित करने की प्रतिबद्धता को दिया गया है.

गंधवानी कांग्रेस का गढ़ बना हुआ है. परिसीमन के बाद से उमंग इस सीट पर काबिज रहे हैं और उन्होंने 2008, 2013 और 2018 के सभी चुनाव कांग्रेस के लिए जीते थे.

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