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मणिपुर की जातीय हिंसा और भारत-म्यांमार के सीमा के बीच बाड़ का विरोध होगा – ITLF

शनिवार को इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने मणिपुर के दो बड़े मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने केंद्र के भारत-म्यांमार के सीमा के बीच बाड़ लगाने और फ्री मूवमेंट रोकने का विरोध किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कुकी-ज़ो जनजातियों को अपने भविष्य के राजनीतिक रास्ते के लिए मिजोरम सरकार से संपर्क करना चाहिए.

मणिपुर में जहां एक तरफ मैतेई और कुकी समुदाय (Meitei and Kuki communities) के बीच जातीय हिंसा खत्म नहीं हो रही है तो वहीं दूसरी ओर इस राज्य में भारत-म्यांमार की सीमा के बीच बाड़ लगाए जाने पर भी विरोध शुरु होगा गया है.

मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले के आईटीएलएफ यानी इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF-Indigenous Tribal Leaders Forum) के द्वारा एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने शनिवार को ज़िला हेडक्वार्टर शहर (district headquarters town) में एक लोगों की राय (Public Consultation) लेने के लिए एक सभा आयोजित की थी.

इस सभा में भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और फ्री मूवमेंट रेजिम (Free Movement Regime) को रद्द करने के केंद्र के फैसले का विरोध करने का संकल्प लिया गया.

आईटीएलएफ के द्वारा जारी बयान में यह भी कहा गया कि उन्होंने कुकी ज़ो लोगों के राजनीतिक भविष्य के लिए मिजोरम सरकार से संपर्क करने का भी फैसला किया है.

इसके अलावा फरवरी साल 2021 में म्यांमार से 31 हजार से भी ज्यादा लोग, जिनमें चिन राज्य के लोग भी शामिल थे, वो लोग मिजोरम के साथ ही मणिपुर में भी निवास करने लग गए है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 20 जनवरी को गुवाहाटी में यह कहा था कि सरकार भारत-म्यांमार सीमा पर लोगों की मुक्त आवाजाही को समाप्त कर देगी और सीमा पर बाड़ लगा दी जाएगी ताकि बांग्लादेश से लगी देश की सीमा की तरह ही इस सीमा की भी सुरक्षा की जा सके.

फ्री मूवमेंट रेजिम के अंतर्गत सीमा के दोनों तरफ रहने वाले लोगों को बिना वीज़ा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी की यात्रा करने की अनुमति मिलती है.

इसके अलावा भारत के चार राज्य जैसे अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम के साथ म्यांमार की 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा से जुड़ी हुई है.

आईटीएलएफ ने शनिवार को केंद्र के द्वारा भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और फ्री मूवमेंट रेजिम को रद्द करने के फैसले का विरोध करने के साथ ही शनिवार को राज्य में दो अज्ञात (unidentified) समूहों के बीच कई घंटों तक हुए मुठभेड़ (gunfight) के बारे में भी बयान दिया है.

यह बताया गया है कि सुबह 6 बजे कुछ हथियारबंद लोग कांगपोकपी ज़िले (Kangpokpi district) के सतांग कुकी गांव (Satang Kuki village) के आसपास घुस आये थे. इन लोगों ने गोलीबारी शुरू कर दी जो लगभग 11:30 बजे बंद हुई.

इसके बाद भी उसी दिन शाम को फिर से चार बजे तक रुक-रुक कर गोलियां चलती रही. हालांकि ऐसा दावा किया जा रहा कि इस मुठभेड़ में कोई घायल नहीं हुआ है.

दिल्ली से सीधा शासन (administer) होना चाहिए

आईटीएलएफ ने बयान में यह मांग भी की गई है कि अब मणिपुर की राज्य सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इसलिए केंद्र सरकार को कुकी बहुल इलाकों का प्रशासन खुद संभालना चाहिए.

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