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झारखंड: हेमंत सोरेन से पूछताछ से पहले ED के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे आदिवासी संगठन

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन 20 जनवरी को अपने बयान दर्ज कराने के लिए तैयार हो गए हैं. उन्होंने 8वां समन जारी होने के बाद जांच एजेंसी ईडी को 20 जनवरी को सीएम सचिवालय (सीएम हाउस) आने की जानकारी दी है.

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से पूछताछ करने से एक दिन पहले, कई संगठनों ने संघीय एजेंसी के खिलाफ आज राजभवन पर विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी है.

कम से कम पांच आदिवासी संगठन – केंद्रीय सरना समिति, राजी परहा सरना प्रार्थना सभा, आदिवासी सेना, 22 परहा समिति और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और हटिया विस्थापीठ मोर्चा (रांची के हटिया में विस्थापित लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाला एक गैर-आदिवासी संगठन) सुबह 11 बजे से राजभवन के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे.

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजीत तिर्की ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा गैर-भाजपा शासित राज्यों में निर्वाचित सरकारों को परेशान करने के लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है. झारखंड में उन्होंने एक आदिवासी मुख्यमंत्री को बार-बार तलब करके सारी हदें पार कर दी हैं, जिन्होंने नवंबर 2022 में पहले ही उन्हें जवाब दे दिया था.

तिर्की ने आगे कहा, “पिछले साल से वे समन जारी कर रहे हैं और इस साल उन्होंने यह भी धमकी दी कि अगर मुख्यमंत्री उनके समन पर ध्यान नहीं देते हैं तो वे उनके पास आएंगे. हमने राज्यपाल को ईडी का समर्थन करते हुए भी देखा है और यही कारण है कि हम राजभवन के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.”

तिर्की ने कहा कि झारखंड के विभिन्न जिलों से करीब 10 हजार आदिवासी शुक्रवार को राजभवन के पास जुटेंगे.

वहीं 20 जनवरी को कानून-व्यवस्था को लेकर चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने बुधवार को रांची में एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के बाद मीडिया से कहा, “कानून-व्यवस्था क्यों प्रभावित होगी? ईडी बस अपना कर्तव्य निभा रही है. एजेंसी को उचित जवाब देना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है.”

ईडी द्वारा हेमंत सोरेन को तलब किए जाने के विरोध में झामुमो समर्थकों ने बुधवार को साहिबगंज जिले में बंद का आयोजन किया था. झामुमो नेताओं ने पहले ही संकेत दिया है कि मुख्यमंत्री को ईडी के समन के खिलाफ आदिवासियों में भारी नाराजगी है.

हेमंत सोरेन सोमवार को 20 जनवरी को अपना बयान दर्ज कराने के लिए तैयार हो गए हैं. उन्होंने 8वां समन जारी होने के बाद जांच एजेंसी ईडी को 20 जनवरी को सीएम सचिवालय (सीएम हाउस) आने की जानकारी दी है.

ऐसी खबरें थीं कि ईडी ने शनिवार को सोरेन को एक पत्र लिखा था और उन्हें अपना बयान दर्ज करने के लिए पांच दिन (16-20 जनवरी) का समय दिया था और दो दिनों के भीतर अपना बयान दर्ज करने के लिए समय और स्थान बताने को कहा था. 

ईडी ने यहां तक कहा था कि अगर वह (हेमंत सोरेन) एजेंसी नहीं आ सकते, तो वह (ईडी के अधिकारी) उनके स्थान पर आने के लिए तैयार है लेकिन कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी और जिम्मेदारी राज्य सरकार पर होगी.

क्या है पूरा मामला?

सीएम सोरेन को ईडी ने 14 अगस्त को पहला समन जारी किया था. ईडी ने रांची के बड़गाई इलाके में फर्जी दस्तावेजों से आदिवासियों की जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए उन्हें समन जारी किया था.

इसके बाद ईडी ने उन्हें एक के बाद एक 7 समन भेजे, लेकिन सीएम सोरेन ईडी के सामने पेश नहीं हुए. लेकिन 8वां समन जारी होने के बाद वह अपने बयान दर्ज कराने के लिए राजी हो गए हैं.

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ईडी के पहले के सात समन में शामिल नहीं हुए थे और उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.

इस महीने की शुरुआत में जांच एजेंसी ने राज्य में कथित अवैध खनन की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत सोरेन के प्रेस सलाहकार, साहिबगंज जिले के अधिकारियों और एक पूर्व विधायक के परिसरों पर भी छापेमारी की थी.

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