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केरल: SC/ST आयोग ने पुलिस से जातिगत भेदभाव पर मामला दर्ज करने को कहा

केरल राज्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बी.एस. मावोजी और उनकी टीम ने शुक्रवार को रानी पझावंगडी ग्राम पंचायत का दौरा किया. मावोजी ने कहा कि आयोग ने आठ परिवारों की समस्याओं को समझा. उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक देश में हर व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है.

केरल राज्य एससी/एसटी आयोग ने पुलिस को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. आठ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति परिवारों की शिकायतों के बाद पैनल सोमवार को एक बैठक भी करेगा.

एससी/एसटी परिवारों ने शिकायत दर्ज कराई है कि केरल के पठानमथिट्टा जिले में रन्नी-पजावंगडी ग्राम पंचायत के कुछ निवासियों ने उन्हें एक अमेरिकी नागरिक जिसकी जड़ें रानी में हैं द्वारा दान में दी गई जमीन में घर बनाने से रोका.

परिवारों ने शिकायत की कि रन्नी में कुछ निवासियों ने उन्हें अपने घर बनाने से रोक दिया क्योंकि वे एससी, एसटी समुदायों से थे.

केरल राज्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बी.एस. मावोजी और उनकी टीम ने शुक्रवार को रानी पझावंगडी ग्राम पंचायत का दौरा किया. मावोजी ने कहा कि आयोग ने आठ परिवारों की समस्याओं को समझा. उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक देश में हर व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार है.

दरअसल 77 वर्षीय वल्लियथ थॉमस वर्गीज जो अमेरिका के नागरिक हैं ने अपनी संपत्ति से आठ परिवारों में से प्रत्येक को तीन सेंट भूमि दान की थी. लेकिन स्थानीय लोगों और सभी ईसाइयों ने एससी, एसटी परिवारों को जमीन दान करने के वर्गीस के फैसले का विरोध किया था.

वर्गीज ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने उन आठ परिवारों को चुना है जो अपने बच्चों के साथ किराए के मकान में रह रहे हैं.

उन्होंने कहा, “मैंने इन आठ परिवारों को प्राप्त 65 आवेदनों में से चुना क्योंकि वे सभी किराए के आवास में रह रहे थे और उनके नाम पर कोई जमीन नहीं थी. इलाके को दलित कॉलोनी में बदलने का स्थानीय लोगों ने मेरा विरोध किया. उनको इस तरह बोलने और विरोध करने में कोई शर्म भी नही थी.”

थॉमस वर्गीज पिछले कुछ वर्षों से रन्नी में रह रहे थे और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की पंचायत सदस्य शर्ली जॉर्ज ने उनसे खुले तौर पर कहा था कि जब तक वह पंचायत सदस्य हैं तब तक वह दलितों को अपने क्षेत्र में नहीं रहने देंगी.

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