HomeAdivasi Dailyमध्य प्रदेश: सहरिया आदिवासियों को पीएम आवास योजना से रखा गया वंचित

मध्य प्रदेश: सहरिया आदिवासियों को पीएम आवास योजना से रखा गया वंचित

मध्यप्रदेश के ग्वालियर ज़िले के सहरिया दफाई गाँव की आदिवासी महिलाएं 5 अक्टूबर को अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवास में पहुंची. हालांकि इन्हें अभी तक अंदर एंट्री नहीं मिली है

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गवालियर ज़िले (Gawalior) के सहरिया दफाई गाँव (Sahariya Dafai Village) में रहने वाले आदिवासी काफी समय से झोपड़ियों में रह रहें है. क्योंकि इन्हें सरकार की जनकल्याण योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है.

ऐसे में यहां की बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) से मिलने पहुंची हैं. ये सभी महिलाएं सहरिया समुदाय (Sahariya Tribe) से हैं.

इन महिलाओं द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इन्हें पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है.

पीएम आवास योजना को 2015 में लागू किया गया था. इसका एकमात्र लक्ष्य था की 31 मार्च 2022 तक हर गरीब को कम कीमत पर घर उपलब्ध करवाए जाए. इस योजना के तहत 20 मिलियन घरों के निर्माण करने की बात कही गई थी. अब इसका समय बढ़ाकर वर्ष 2024 तक कर दिया गया है.

योजनाओं से वंचित रहने के कारण इन सभी के पास पक्के माकान नहीं है जिसके चलते ये सभी मजबूरन झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं. बारिश के समय झोपड़ियों में पानी भर जाता है और इन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

पक्के माकान के अलावा इनके पास खेती करने के लिए अपने खेत भी नहीं है.

यही कारण है की ये सभी महिलाएं मुख्यमंत्री से मिलकर यह आग्रह करने आई हैं की उन्हें 10 बीघा ज़मीन खेती के लिए दी जाए. जिससे खेती से मिला रोज़ागार का यह साधन बना रहे. क्योंकि अभी इनका परिवार कब्जा की गई भूमि पर खेती करता आ रहा है. इसलिए ये खेत इनसे कभी भी छिने जा सकते हैं.

सहरिया आदिवासी कौन है?
सहरिया आदिवासी मुख्य रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश के भिंड, मुरैना, ग्वालियर और शिवपुरी ज़िलों में रहते हैं. सहरिया शब्द पारसी के सहर से बना है. जिसका अर्थ है ‘जंगल’. अर्थात ये आदिवासी पहले पूरी तरह से जंगलों पर ही निर्भर थे.

वहीं 2011 के जनगणना के आंकड़ो के अनुसार मध्य प्रदेश में इनकी कुल जनसंखया 6 लाख से भी अधिक बाताई गई है.

इसके साथ ही सरकार ने इन्हें अति पिछड़े वर्ग (PVTGs) मे सूचित किया है. इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की मौजूदा वक्त में सहरिया समुदाय की हालात कितनी गंभीर है.

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