कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बुधवार को आरोप लगाया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वह ‘अछूत’ जाति से हैं और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नई संसद का उद्घाटन इसलिए नहीं कराया गया क्योंकि वह आदिवासी हैं.
आगे खड़गे ने कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं चाहते की सत्ता गरीबों के हाथ में आए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों की जल-जंगल-जमीन की रक्षा की लड़ाई में हमेशा उनका समर्थन करते रहे हैं. राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सुकमा ज़िले में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी हमेशा से कहती आई है की उन्होंने आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया.
लेकिन संसद भवन के उद्घाटन में प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को हीं बुलाया है.” उन्होंने कहा की भाजपा के नेता बोलते हैं की उन्होंने आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया लेकिन उन्हें कोई भी इमारत का शिलान्यास करने का मौका कभी नहीं मिला है. इसके साथ ही खड़गे ने कहा की कांग्रेस पार्टी ने देश को आजाद कराया और बाबा साहब आंबेडकर ने संविधान का निर्माण किया है.
उन्होंने देश के विकास में कांग्रेस के योगदान के बारे में रुबरु कराते हुए कहा की, “देश जब आजाद हुआ था तब से ही स्कूल और कॉलेज का निर्माण हुआ है. आगे उन्होनें कहा की बैंक नहीं थे और उद्योग नहीं था. आज जो कुछ भी है उसमें सबसे बड़ा योगदान कांग्रेस का ही रहा है. लेकिन भाजपा सरकार प्रधानमंत्री बोलते हैं की कांग्रेस ने आज तक क्या किया है.
उन्होंने कहा, की कांग्रेस ने देश को आजतक बहुत कुछ दिया है और इस देश के नागरिकों की भलाई की है. इसलिए आज वे वोट मांग रहे हैं. इस देश की आजादी के लिए कांग्रेस पार्टी के लोग सूली पर चढ़ गए हैं. इसलिए वोट मांगना कांग्रेस का अधिकार है. खरगे ने कहा कि वह सिर्फ वोट मांगने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के अलावा (आदिवासी) समुदाय, संविधान, लोकतंत्र और देश की रक्षा भी करनी है.
छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में सात और 17 नवंबर को मतदान होगा. बस्तर क्षेत्र की 12 विधानसभा सीटें उन 20 सीटों में शामिल है. जहां सात नवंबर को मतदान होना है.