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SC/ST संसदीय समिति असम में दोनों समुदायों की स्थिति से संतुष्ट – समिति अध्यक्ष

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए काम करने वाले संसदीय समिति के अध्यक्ष किरीटप्रेमजीभाई सोलंकी ने असम में इन दोनों समुदायों की समग्र सामाजिक स्थिति पर सोमवार के संतोष प्रकट किया है.

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए काम करने वाले संसदीय समिति के अध्यक्ष किरीटप्रेमजीभाई सोलंकी ने असम में इन दोनों समुदायों की समग्र सामाजिक स्थिति पर सोमवार के संतोष प्रकट किया है.


हालांकि, उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के शिक्षा और नौकरियों जैसे विभिन्न मानदंडों में सुधार करने की बात की है.उन्होंने हाथ से मैला ढोने जैसी प्रथाओं को समाप्त करने के अलावा शिक्षा और नौकरियों जैसे विभिन्न मानदंडों को बेहतर करने की जरूत पर भी जोर दिया.

हाथ से मैला ढोने की प्रथा में ज्यादातर लोग अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से हैं. समिति की राज्य की तीन दिवसीय अध्ययन यात्रा की समाप्ति पर सोलंकी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘‘जातिगत आधार पर भेदभाव देश के अन्य हिस्सों की तुलना में असम में और समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में कम है.

हमने पाया है कि एसएसी/एसटी पर अत्याचर के मामले भी यहां कम हैं.’’ वहीं समिति के कुल 30 सदस्यों में से 14 सदस्यों के साथ आए सोलंकी ने मुख्य सचिव और एलआईसी, ओएनजीसी, ओआईएल, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे और आईआईटी-गुवाहाटी के कई सार्वजनिक उपक्रमों सहित राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की है.


पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग के लिए रवाना हुई समिति ने अपने दौरे के दौरान गुवाहाटी के एक आदिवासी गांव का भी दौरा किया है. सोलंकी ने कहा कि राज्य सरकार के साथ बातचीत के दौरान एससी और एसटी के लिए बनाए गए योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए और प्रमुख क्षेत्र में दोनों समुदायों के छात्रों के लिए प्री और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं का भी लाभ मिलना चाहिए.


गुजरात के भाजपा सांसद ने कहा कि फोकस का एक अन्य क्षेत्र सिकल सेल एनीमिया को कम करने के लिए जागरूकता भी किया है. जो की आदिवासियों में अधिक होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, “केंद्रीय बजट में इस बीमारी के बारे में जागरूकता और उन्मूलन के लिए वजट भी आवंटन किया गया है.”


वहीं सरकारी पहल के साथ-साथ निजी कंपनियों से भी सीएसआर प्रतिबद्धताओं के तहत इस मुद्दे को उठाने का अनुरोध किया गया है. समिति ने पीएसयू से ‘सफाई कर्मचारियों’ के लिए दोबारा रोजगार और एससी, एसटी कल्याण योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का आग्रह किया भी किया है.


इसके बाद सोलंकी ने कहा कि सफाई कर्मचारियों को नालों की सफाई के लिए मशीन बनाने का आग्रह भी किया है. उन्होंने उच्च पदों पर एससी और एसटी समुदायों के योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति का भी ऐलान किया है.


सोलंकी ने आरक्षण की सभी नीतियों को लागू करने का भी आग्रह किया है. हालांकि उन्होंने जातिगत जनगणना की मांग पर सीधा इनकार कर दिया. क्योंकि जातिगत जनगणना का मामला सरकार को तय करना है. इसलिए इसपर कुछ नहीं कर सकते हैं.

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